उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद अमरिकी परमाणु पनडुब्बी दक्षिण कोरिया में दाखिल

सेउल – १५० टॉमाहॉक गाइडेड मिसाइलों से लैस अमरीका की परमाणु पनडुब्बी शुक्रवार को दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह में दाखिल हुई। इस अवसर पर छह साल बाद पहली बार अमरीका ने अपनी परमाणु पनडुब्बी दक्षिण कोरिया में तैनात की है। ऐसे में कुछ घंटे पहले ही उत्तर कोरिया ने लगातार दो बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। इसके प्रत्युत्तर के तौर पर अमरीका ने यह पनडुब्बी तैनात करने का दावा किया जा रहा है।

अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेना ने हाल ही में युद्धाभ्यास किया था। यह युद्धाभ्यास हमारे विरोधी होने की आलोचना करके उत्तर कोरिया ने गुरुवार को दो मिसाइलें दागी। इनमें से एक मिसाइल जापान के समुद्री सीमा के करीब जा गिरा। इस मिसाइल के कारण जापान में कुछ घंटों के लिए अलर्ट जारी किया गया था। उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करके इस क्षेत्र में फिर से तनाव निर्माण किया है, ऐसा आरोप जापान ने लगाया।

इसके कुछ घंटे बाद ही ‘यूएसएस मिशिगन’ नामक अमरिकी नौसेना की पनडुब्बी दक्षिण कोरिया के बुसान बंदरगाह में पहुंची। यह पनडुब्बी अगले कुछ दिन बुसान में ही तैनात रहेगी। अमरीका और दक्षिण कोरियन नौसेना के युद्धाभ्यास के लिए यह पनडुब्बी इस क्षेत्र में दाखिल होने का दावा किया जा रहा है। यह पनडुब्बी १५० टॉमाहॉक गाइडेड मिसाइलों से लैस होने का ऐलान अमरिकी नौसेना ने किया है। इस क्षेत्र में अमरिकी हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए इसकी तैनाती हुई है, ऐसा अमरिकी नौसेना का कहना है।

कुछ दिन पहले ही अमरीका और दक्षिण कोरिया के सैन्य सहयोग पर उत्तर कोरिया ने आलोचना की थी। इसपर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन की बहेन ‘किम यो जाँग’ ने परमाणु हमला करने की धमकी दी थी। इसके बाद इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा था।

इसी बीच, ‘यूएसएस मिशिगन’ विश्व की सबसे बड़े पनडुब्बियों में से एक हैं। ओहिओ वर्ग की यह पनडुब्बी परमाणु ऊर्जा पर आधारित होने से कई महीनों तक यह पानी के नीचे रह सकती हैं। साथ ही इस पनडुब्बी पर तैनात टॉमाहॉक मिसाइल २,५०० किलोमीटर दूरी का लक्ष्य भी सटिकता से नष्ट कर सकता हैं। इस वजह से अमरिकी पनडुब्बी की यह तैनाती उत्तर कोरिया के साथ ही चीन के लिए भी चेतावनी होने का दावा किया जा रहा हैं।

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