वैश्‍विक स्तर पर शांति स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी समेत तीन सदस्यीय आयोग गठित करें – मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष की माँग

मेक्सिको सिटी – ‘चीन-ताइवान और अमरीका के बीच जारी तनाव विश्‍व के लिए त्रासदी साबित हो रहा है। इससे महंगाई अधि बढ़ी हैं और सप्लाइ चेन भी बाधित हुई है। ऐसी स्थिति में कम से कम अगले पांच साल के लिए संघर्ष को रोकने की कोशिश करनी होगी। इससे रशिया-यूक्रेन का युद्धविराम होगा और इसके बाद उत्तेजक हरकतों को काबू करना मुमकिन होगा। इसके लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन करने की आवश्‍यकता है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंतोनियो गुतेरस और सम्माननीय पोप फ्रान्सिस का समावेश हो’, ऐसी माँग मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष आंद्रेस मैन्युएल लोपेझ ओब्रादोर ने की है।

मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्षफ़रवरी महीने से रशिया और यूक्रेन का युद्ध शुरू हैं। यह दोनों देश विश्‍व को अनाज़ की आपूर्ति करनेवाले यह पहचान रखते हैं। लेकिन, उनके बीच जारी युद्ध की वजह से कई देशों की अन्न एवं अनाज़ की आपूर्ति बंद हुई हैं। इसके अलावा र्इंधन के लिए रशिया पर निर्भर देशों को भी बड़ी मुश्‍किल हुई हैं। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर र्इंधन की कीमतों का उछाल देखा गया। धनिक देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी इन समस्याओं से नुकसान पहुँच रहा हैं और गरीब एवं विकसनशील देशों की स्थिति काफी खराब हुई है।

यूक्रेन में युद्ध जारी होने के दौरान अमरिकी प्रतिनिधि सदन की सभापति नैन्सी पेलोसी ने यूक्रेन का दौरा किया। इसके विरोध में चीन ने दिए इशरों को पेलोसी और अमरीका ने भी नज़रअंदाज किया था। इस वजह से आगबबुला हुए चीन ने ताइवान के साथ अमरीका को भी युद्ध की धमकियाँ दी हैं। ताइवान के क्षेत्र में युद्धाभ्यास का आयोजन करके चीन ने इस क्षेत्र का माहौल विस्फोटक बनाया हैं। इसी बीच चीन के उकसावे के कारण उत्तर कोरिया भी नए परमाणु परीक्षण करने की तैयारी जुटाने में व्यस्त होने के दावे किए जा रहे हैं।

यह सभी गतिविधियों का घातक प्रभाव देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर हो रहा हैं। इस वजह से भू-राजनीतिक स्तर पर जारी इन उथल-पुथल रोकने के लिए अमरीका, चीन और रशिया इन देशों के नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करके किसी ने तो उन्हें सख्त शब्द सुनाने ही होंगे। क्यो कि इन्ही देशों ने बीते साल से अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से विश्‍व के सामने भयंकर आर्थिक समस्या खड़ी हुई है। महंगाई का उछाल हुआ हैं और अन्न की किल्लत और गरिबी की समस्या अधिक तीव्र हुई हैं। इस भयंकर स्थिति की वजह से कई लोग जान से जा रहे हैं, इल बात पर इन तीनों देशों के नेताओं का ध्यान आकर्षित करना ही होगा, यह दावा मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

यह करने के लिए तीन सदस्यों के आयोग की आवश्‍यकता हैं। इसमें ख्रिस्तधर्मियों के धर्मगुरू सम्माननीय पोप फ्रान्सिस के साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंतोनियो गुतेरस का समावेश मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष ने किया। साथ ही अमरीका और रशिया इन दोनों देशों से अच्छे संबंध रखनेवाले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बी इन तीन सदस्यों के आयोग में समावेश करने की माँग राष्ट्राध्यक्ष ओब्रादोर ने बड़े आग्रह से की। उन्होंने किए इस आवाहन को बड़ी अहमियत दी जा रही हैं और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का बढ़ता प्रभाव नए से रेखांकित हुआ हैं।

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