आगे के दौर में अमरिकी सेना का चीन और रशिया लक्ष्य रहेंगें – रक्षामंत्री मार्क एस्पर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंग्टन – अफगानिस्तान के साथ अन्य क्षेत्रों में अमरिकी सेना की तैनाती कम करके इस सेना का इस्तेमाल ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र समेत चीन और रशिया का मुकाबला करने के लिए होगा, यह बयान दिया है अमरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने| अमरिका के ‘रिगन नैशनल डिफेन्स फोरम’ इस अभ्यास गुट के कार्यक्रम के दौरान एस्पर ने यह बयान किया| पिछले कुछ महीनों में खाडी क्षेत्र में तनाव और संघर्ष की तीव्रता बढ रही है और ऐसे में एस्पर ने दिए यह संकेत ध्यान आकर्षित कर रहे है|

‘चीन और रशिया वर्तमान के दौर में दुनिया पर वर्चस्व स्थापित करने की बडी कोशिश कर रहे है| छोटे देशों को उनके कहने के मुताबिक आर्थिक और रक्षा संबंधी निर्णय करने के लिए विवश किया जा रहा है| ऐसी स्थिति में अमरिकी सेना की तैनाती इन देशों के वर्चस्व से मुकाबला करने के लिए कैसे इस्तेमाल हो सकती है, इस पर अपना ध्यान रहेगा| यह अपनी महत्वाकांक्षा है’, इन शब्दों में एस्पर ने अगले दौर में अमरिका अपना ध्यान चीन?और रशिया पर केंद्रीत करेगी, यह संकेत उन्होंने दिए है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में लगातार चीन को लक्ष्य किया गया है और व्यापारयुद्ध एवं अन्य आक्रामक निर्णय करके खुलेआम संघर्ष करने की नीति अपनाई है| साथ ही अमरिका का एक बडा गुट रशिया से बनते खतरों की ओर ध्यान आकर्षित कर रहा है और इस खतरे के विरोध में भी अमरिका को तैयार रहना होगा, इसी दिशा में कोशिश कर रहे है| इसमें लष्करी अफसर, गुप्तचर विभाग एवं राजनयिक अफसरों का भी समावेश है|

ट्रम्प का प्रमुख जोर चीन को रोकने के लिए है, फिर भी अंतरीक्षण क्षेत्र एवं अन्य खतरों का जिक्र करते समय उन्होंने रशियन खतरे का एहसास होने की बात स्पष्ट की है| एस्पर ने अपने बयान में विशिष्ट क्षेत्र के खतरों का जिक्र किया नही है, फिर भी चीन और रशिया का गठबंधन अमरिका को चुनौती दे रहा है, यह संकेत स्पष्ट शब्दों में उन्होंने दिए है|

कुछ महीने पहले अमरिका की गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ की प्रमुख जिना हैस्पल ने भी इसके आगे चीन और रशिया पर अधिक ध्यान देने की बात कही थी|

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