अफ्रीका में बढ रहे चीन एवं रशिया के प्रभाव को चुनौती देगी अमरिका – अमरिकी सुरक्षा सलाहकार

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

वॉशिंगटन – व्यापार युद्ध की पृष्ठभुमि पर अमरिका ने चीन के समेत ९० दिन का ‘युद्ध विराम’ करने का ऐलान किया है| लेकिन फिर भी चीन की बाजार को झटका देने की नीति अमरिका ने बरकरार रखी है| अफ्रीका में चीन और रशिया का प्रभाव बढ रहा है| इसे चुनौती देने के लिए अफ्रीका में बडा निवेश करने की तैयार में है, यह ऐलान अमरिका के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन इन्होंने किया है| अमरिका की यह नीति चीन के विरोध में है, यह दावा हो रहा है|

अमरिकी विश्‍लेषकों के एक बैठक में बोलते समय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने अफ्रीका में चीन कर रहे निवेश की कडी आलोचना की| चीन अपने भ्रष्ट और अस्पष्ट व्यापार से अफ्रीका में अपना प्रभाव बढा रहा है, यह आरोप बोल्टन ने किया है| अफ्रीका में अमरिका को मौका ना मिले इस लिए चीन और रशिया जानबूझकर कदम उठा रहे है| लेकिन चीन और रशिया की इस आक्रामकता को चुनौती देने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने नई नीति बनाई है, यह जानकारी बोल्टन ने दी|

इसके लिए अफ्रिका में संयुक्त राष्ट्रसंघ की शुरू शांति मुहीम से अमरिका वापसी करेगा, यह ऐलान अमरिकी सुरक्षा सलाहकार ने किया है| साथ ही अमरिका निवेश करके अफ्रीका में अपने हितसंबंधों को और भी मजबूती देगा, यह जानकारी भी बोल्टन ने दी| वही, चीन विकास के नाम पर अफ्रीका के जनता की उपेक्षा कर रहा है, उसने भ्रष्टाचार किया है, यह आरोप बोल्टन ने किए है|

चीनने अफ्रीकी देशों को कर्ज के नाम पर फांस लगाया है, यह आरोप भी अमरिकी सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने किया है| चीन अपनी इच्छा और मांगे पूरी करने के लिए अफ्रीकी देशों को कर्ज के फांसे में फंसा रहा है, यह भी बोल्टन ने कहा है| साथ ही चीन ने जिबौती में बनाये लष्करी अड्डे पर भी बोल्टन ने आलोचना की| जिबौती में चीन ने दिखाई लष्करी आक्रामकता से केवल अमरिका ही नही तो इस क्षेत्र का भी संतुलन बिगडा है, यह दावा बोल्टन ने किया|

ट्रम्प प्रशासन अफ्रीका में कितना और कौनसे देश में निवेश करेगा, इस बारे में बोल्टन ने जानकारी नही दी| लेकिन चीन और रशिया के प्रभाव को चुनौती देंगे, यह बोल्टन ने स्पष्ट किया| रशिया का जिक्र करते समय अफ्रीकी देशों में पिस्तोल, बंदूक और ऊर्जा की बिक्री शुरू है| संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीकी देशों का मत पाने के लिए रशिया राजनीतिक और आर्थिक डांव फेकर रही है, यह बोल्टन ने कहा है|

इस दौरान, चीन ने अपने महत्त्वाकांक्षी ‘बेल्ट अँड रोड’ परियोजना के लिए भी अफ्रीकी देशों में निवेश किया है| लेकिन अफ्रीकी देशों से चीन की इन कोशिषों को ठंडा जवाब मिल रहा है|

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