तुर्की के विरोध में प्रतिबंध लगाने पर अमरिका को तुर्की में बनाए लष्करी अड्डे खाली करने होंगे – तुर्की के विदेशमंत्री ने दिए संकेत

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अंकारा – रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद कर रहे तुर्की के विरोध में प्रतिबंध लगाने की तैयारी अमरिका ने की है| पर, यदि अमरिका ने तुर्की के विरोध में प्रतिबंध लगाए तो अमरिका को ‘इन्सर्लिक’ और ‘कुरेसिक’ में बने हवाई अड्डे बंद करने होंगे, यह संकेत तुर्की ने दिए है| तुर्की के विदेशमंत्री मेवूत कावूसोग्लू ने यह चेतावनी जारी की है और इससे दोनों देशों के संबंधों पर गंभीर असर हो सकता है|

अमरिका और तुर्की के बीच बनी दरार बढ रही है और पिछले कुछ महीनों से तुर्की ने अमरिका के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई दिखाई दे रही है| रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीद ने पर तुर्की को अमरिका के कडे प्रतिबंधों का सामना करना होगा, यह इशारा अमरिका ने दिया था| पर, तुर्की ने अब अमरिका के धमकाने का हमारे निर्णय पर असर नही होगा, यह घोषित किया है| ऐसे में ही अमरिका का समर्थन प्राप्त करनेवाले सीरिया के कुर्दों पर तुर्की में हमलें शुरू किए है और इन हमलों की वजह से अमरिका नाराज है| नाटो के बारे में भी तुर्की ने अडियलता दिखाई है और इस वजह से नाटो की रशिया के विरोध में यूरोपिय देशों में तैनाती रोकी गई है|

ऐसी स्थिति में अमरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने का हथियार चलाने की तैयारी की है और इसके लिए आवश्यक विधेयक भी अमरिकी संसद में पेश किया जा रहा है| इसके बाद तुर्की ने अमरिका को ‘इन्सर्लिक’ और ‘कुरेसिन’ इन हवाई अड्डों के विषय में चेतावनी दी है| तुर्की के विदेशमंत्री कावूसोग्लू ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने पर अमरिका को यह हवाई अड्डे छोडने होंगे, यह इशारा भी दिया है| कावूसोग्लू ने खुलेआम यह धमकी जारी नही की है, फिर भी अपने बयान से उन्होंने अमरिका को यह संदेशा दिया है|

‘इन्सर्लिक’ यह तुर्की के दक्षिणी हिस्से में अमरिका ने बनाया काफी अहम हवाई अड्डा है| खाडी देशों में मुहीम चलाने के लिए अमरिका के इस अड्डे को काफी अहमियत है| खास तौर पर सीरिया और इराक में जारी अमरिकी कार्रवाई का संचलन इसी हवाई अड्डे से होता है| वही, ‘कुरेसिक’ यह तुर्की के पूर्वीय हिस्से में बनाया हवाई अड्डा है और इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल नाटो कर रही है| यह दोनों हवाई अड्डे छोडने की नौबत अमरिका एवं नाटो पर आ सकती है, इसका एहसास तुर्की ने दिलाया है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका अब तुर्की पर प्रतिबंध लगाएगी क्या, यह सवाल खडा हुआ है| तुर्की भी नाटो का सदस्य देश है और रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद करके तुर्की ने नाटो के नियमों का उल्लंघन किया है, यह आरोप हो रहा है| तभी, नाटो की सदस्यता रखनेवाले देश को भी रशिया से सहयोग करने का अधिकार होने का दावा तुर्की कर रहा है| इस वजह से अमरिका और तुर्की के संबंधों में तनाव बना है|

तुर्की से प्राप्त हो रही चेतावनी के बाद भी अमरिका ने तुर्की के विरोध में आर्थिक प्रतिबंध लगाए तो पहले से संकट का सामना कर रहे तुर्की की अर्थव्यवस्था काफी बडे संकट में फंस सकती है| तुर्की की अर्थव्यवस्था की हो रही गिरावट, फिलहाल राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की सरकार के सामने खडी हुई बडी चुनौती समझी जा रही है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कुछ समय पहले तुर्की को इस बारे में स्पष्ट शब्दों में एहसास भी कराया था|

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