‘ब्लैक सी’ समुद्री क्षेत्र में अमरिकी विध्वंसक दाखिल – नजर रखने के लिए रशियन नौसेना की गश्ती पोत भी रवाना

Third World Warमॉस्को: अमरिकी नौसेना की ‘यूएसएस डोनाल्ड कूक’ यह विध्वंसक रशिया के निकट ‘ब्लैक सी’ में पहुंची है| दो हफ्तें के दौरान इस समुद्री क्षेत्र में अमरिका ने की हुई यह दुसरी तैनाती है| इसके पहले अमरिकी नौसेना की ‘यूएसएस फोर्ट मॅक्हेन्री’ यह युद्धपोत इस समुद्र क्षेत्र में दाखिल हुई थी| रशिया ने अमरिकी नौसेना की इस तैनाती पर नजर रखने के लिए अपने गश्ती पोतों का बेडा रवाना किया है| अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार अमरिकी युद्धपोत इस जगह पर २१ दिन से अधिक समय तैनात नही रह सकती, यह चेतावनी रशिया ने दी है|

‘यूएसएस डोनाल्ड कूक’ ने इस समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद इस विध्वंसक के कमांडर मॅथ्यू जे. पॉवेल इन्होने ध्यान आकर्षित करने वाले विधान किए थे| ‘यूएसएस डोनाल्ड कूक’ का इस क्षेत्र में हुआ प्रवेश यानी इस क्षेत्र के सहयोगी देशों को अमरिका से दिया जा रहा संदेश होने का दावा कमांडर पॉवेल इन्होंने किया| इस क्षेत्र के सहयोगी देशों के एवं अमरिका के सुरक्षा संबंधी हितसंबंध समान है, यही इस तैनाती से स्पष्ट होता है, यह पॉवेल ने आगे कहा था| इतना ही नही, बल्कि इस तैनाती के साथ इस विध्वसंक की क्षमता भी सिद्ध हो रही है, यह दावा कमांडर पॉवेल इन्होंने किया|

ब्लैक सी, समुद्री क्षेत्र, अमरिकी विध्वंसक, दाखिल, नजर रखने, रशियन नौसेना, गश्ती, पोत, रवानापिछले महीने में ‘यूएसएस फोर्ट मॅक्हेन्री’ यह अमरिकी युद्धपोत इस समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुई थी| रोमानियन नौसेना को प्रशिक्षण देने के लिए यह युद्धपोत इस सागरी क्षेत्र में दाखिल होने की बात कही जा रही है| लेकिन, अमरिकी नौसेना की इस तैनाती की ओर रशिया काफी गंभीरता से देख रही है| ‘यूएसएस डोनाल्ड कूक’ का ‘ब्लैक सी’ में प्रवेश होने के बाद रशिया ने अपनी नौसेना का बेडा इस युद्धपोत की गतिविधियां पर नजर रखने के लिए रवाना करने का समाचार है| साथ ही इस युद्धपोतों पर नजर रखने के लिए अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल होगा, यह जानकारी रशिया की ओर से दी जा रही है|

अंतरराष्ट्रीय समुद्री नियमों का विचार किया जाए तो अमरिका इस सागरी क्षेत्र में अपने युद्धपोत २१ दिन से अधिक समय तैनात नही कर सकती, ऐसा रशियन नौसेना ने कहा है| इस वजह से ‘ब्लैक सी’ में अमरिकी नौसेना की गतिविधियों को लेकर रशिया काफी संवेदनशीलता दिखा रही है, यह स्पष्ट हो रहा है| पिछले २१ नवंबर के दिन रशिया ने ‘ब्लैक सी’ से युक्रेन के पोत पर कब्जा किया था| रशिया और युक्रेन के विवाद में युक्रेन का पक्ष में खडे होकर अमरिका और अन्य पश्‍चिमी देशों ने रशिया को चेतावनी दी थी|

इसके बाद अमरिकी नौसेना ने इस समुद्री क्षेत्र में अपनी गतिविधियों में और भी बढोतरी की है| २०१८ में अमरिकी युद्धपोत एवं विध्वंसकों ने ‘ब्लैक सी’ के क्षेत्र में लगातार प्रवेश किया था| साथ ही इस क्षेत्र के सहयोगी देशों की नौसेना के साथ सहयोग बढाकर अमरिकी नौसेना ने रशिया पर सामरिक दबाव बढाया था| इसे उत्तर देने के लिए रशिया ने युक्रेन के पोत रोके थे, यह दावा किया जाता है|

इस पृष्ठभुमि पर ब्लैक सी क्षेत्र में अमरिकी नौसेना की गतिविधियां एवं उसके विरोध में रशिया कर रहे निर्णयों के लिए काफी बडा सामरिक महत्व प्राप्त हुआ है|

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