समुद्री सीमा का समझौता हुआ तो भी लेबनान और इस्रायल का सहयोग स्थापित नहीं होगा – लेबनान के राष्ट्राध्यक्ष ने जाते जाते किया दावा

बेरूत – ईंधन से भरे भूमध्य समुद्री क्षेत्र के मालिकाना अधिकारों के मुद्दे पर लेबनान और इस्रायल का जारी विवाद खत्म करने वाला समझौता गुरुवार को हुआ। दोनों देशों के साथ अमरीका ने इस समझौते पर संतोष व्यक्त किया। इस्रायल का द्वेष कर रहीं चरमपंथी संगठन हिज़बुल्लाह के प्रमुख ने भी यह समझौता यानी लेबनीज जनता की जीत होने का दावा किया। इस समझ्ाौते के लिए मध्यस्थता कर रहें संयुक्त राष्ट्र संगठन के अधिकारियों ने इसकी तुलना इस्रायल और अरब देशों ने किए अब्राहम समझौते से की थी। लेकिन, लेबनान के राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एऑन ने इस्रायल के साथ शांति समझौता करने का सवाल ही नहीं होता, ऐसा ऐलान करके पुरी संभावना खत्म कर दी है।

समुद्री सीमाअरब खाड़ी देशों ने इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करके इस देश को मंजूरी प्रदान की औड़ राजनीतिक एवं आर्थिक सहयोग स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाएँ थे। इसका इस्रायल को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होने लगा हैं। ऐशी स्थिति में भूमध्य समुद्री क्षेत्र के मुद्दे पर लेबनान के साथ जारी विवाद खत्म करने के लिए दो दिन पहलें किया गया समझ्ाौता यानी नया अब्राहम समझ्ाौता होने के दावे किए जा रहे थे। इस्रायल की सरकार को यह समझ्ाौता करने की मिली सफलता यानी काफी बड़ी बात हैं, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना हैं। जल्द ही लेनबान की तरह इस्रायल विरोधी देश भी इस्रायल का विरोध पीछे छोड़कर सहयोग कर सकता हैं, यह दावा कुछ खबरों में किया गया था। लेकिन, लेबनान के निवृत्त हो रहें राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने यह दावा ठुकराया हैं।

राष्ट्राध्यक्ष एऑन का कार्यकाल खत्म हो रहा हैं। लेकिन, अभी अपने उत्तराधिकारी का नाम घोषित नहीं हुआ हैं, यह कहकर इस पर जारी विवाद के कारण लेबनान में राजनीतिक अस्थिरता निर्माण होगी, ऐसी चिंता एऑन ने व्यक्त की हैं। ऐसी स्थिति में अपनी सरकार ने इस्रायल के साथ भूमध्य समुद्री क्षेत्र की सीमा के मुद्दे पर समझौता करके युद्ध टाल दिया हैं, यह जानकारी एऑन ने साझा की। साथ ही लेबनान इस समझौते से प्रतिबद्ध रहेगा, यह भी उन्होंने कहा। लेकिन, इसका मतलब लेबनान ने इस्रायल के साथ शांति समझौता किया है, यह नहीं होता। इस्रायल के साथ शांति समझौता करने का सवाल ही नहीं बनता, ऐसा कहकर एऑन ने फिलहाल ऐसी संभावना ना होने के संकेत भी दिए।

इसी बीच लेबनान पर वर्चस्व रखनेवाली चरमपंथी संगठन हिज़बुल्लाह ने भी इस्रायल के साथ किए इस समझौते का समर्थन किया। इस समझौते के बाद इस्रायल के विरोध में जारी किया अलट पीछे लेकर हिज़बुल्लाह प्रमुख नसरल्ला ने सबको चौकाया। यह समझौता लेबनीज जनता के हितों का हैं और इशसे लेबनीज जनता की जीत हुई हैं, ऐसा नसरल्ला ने कहा हैं। इस वजह से फिलहाल इस्रायल और लेबनान के इस समझ्ाौते के लिए खतरा ना होने की बात दिखने लगी हैं। लेकिन, लेबनान में राजनीतिक अस्थिरता निर्माण होने की संभावना को लेकर राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने दी हुई चेतावनी इस्रायल की चिंता बढ़ाने का कारण बन सकती हैं।

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