नॉर्ड स्ट्रीम ईंधन पाईपलाईन ध्वस्त करने के लाभ अमरीका को प्राप्त हुए – फ्रान्स के पूर्व सेना अधिकारी का दावा

 पैरिस – रशिया से जर्मनी को ईंधन प्रदान करने वाली ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ ईंधन पाईपलाईन में विस्फोट के लिए रशिया को ज़िम्मेदार करार देनेवाला आरोप अमरीका ने लगाया था। तब इस ईंधन पाईपलाईन को ध्वस्त करने के पीछे अमरीका की साज़िश होने का आरोप रशिया ने लगाया था। रशिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अमरीका पर यह आरोप लगाती रही है। इस विस्फोट की जांच करने का ज़िम्मा जर्मनी, स्वीडन और डेन्मार्क की जांच एजेन्सीज्‌‍ ने स्वीकारा था। लेकिन, काफी जानकारी हाथ लगने के बावजूद इस जांच की अधिकृत रपट से संबंधित एक शब्द भी बयान नहीं किया जा रहा है, इस पर फ्रान्स के पूर्व सेना अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया। इसकी वजह से नॉर्ड स्ट्रीम ईंधन पाईपलाईन अमरीका ने ही ध्वस्त की और तीन देशों की जांच यंत्रणा इसे सार्वजनिक करने के लिए तैयार न होने की बात स्पष्ट दिख रही है, ऐसा दावा फ्रान्स के पूर्व अधिकारी ने किया। 

नॉर्ड स्ट्रीमजर्मनी, स्वीडन और डेन्मार्क की जांच एजेन्सीज्‌‍ अब तक इसके बारे में कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं हैं। इसकी वजह से नॉर्ड स्ट्रीम में हुए विस्फोट की जांच बस्ते में बंद की गई है, ऐसा अनुमान फ्रान्स के पूर्व जनरल डॉमिनिक त्रिंक्वांद ने दर्ज़ किया है। इसके अलावा यह विस्फोट और किसने किया, यह सोचते हुए किसको इससे सबसे ज्यादा लाभ होगा, इस पर सोचना पडेगा, ऐसा त्रिंक्वांद ने कहा है। इस ईंधन पाईपलाईन का निर्माण रशियन कंपनी ने ही किया है और इसमें रशिया ने ही निवेश किया है। इसकी वजह से इस पाईपलाईन को ध्वस्त करके रशिया को लाभ नहीं होगा, यह स्पष्ट है, इस पर फ्रान्स के पूर्व सैन्य अधिकारी ने ध्यान आकर्षित किया।

यह ईंधन पाईपलाईन ध्वस्त करके सबसे अधिक लाभ अमरीका का ही होगा, यह दावा करके यह तबाही अमरीका ने ही करवायी होगी। लेकिन, तीन देशों की जांच एजेन्सीज्‌‍ यह सार्वजनिक करना नहीं चाहतीं। इसका मतलब है कि, नॉर्ड स्ट्रीम ईंधन पाईपलाईन में हुए विस्फोट का मामला जर्मनी, स्वीडन और डेन्मार्क की जांच एजन्सी बंद करने की कोशिश में हैं, यही होता है, ऐसा त्रिंक्वांद ने कहा। इससे पहले रशिया ने सीधे अमरीका पर ही आरोप लगाए थे। अमरिकी विदेश विभाग की उपमंत्री विक्टोरिया न्यूलैण्ड ने कुछ हफ्ते पहले नॉर्ड स्ट्रीम ईंधन पाईपलाईन में विस्फोट हुआ, यह अच्छा ही हुआ, ऐसा कहकर इस पर खुशी व्यक्त की थी। रशिया ने उनकी इस प्रतिक्रिया को चर्चा का विषय बनाया था।

न्यूलैण्ड का यह बयान ईंधन पाईपलाईन अमरीका द्वारा ही ध्वस्त किए जाने की बात दर्शाता है, ऐसा रशियन विदेश मंत्रालय ने कहा था। साथ ही यह एक आतंकी हरकत है, ऐसी तीखी आलोचना भी रशिया ने की थी। लेकिन, रशिया के इन आरोपों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा समर्थन नहीं मिला था। पर, फ्रान्स के पूर्व सेना अधिकारी का दावा रशिया के आरोपों की पुष्टि करता है। इस ईंधन पाईपलाईन प्रकल्प के अहम भागीदार जर्मनी ने इस मुद्दे पर अमरीका समर्थक भूमिका अपनाई है और इसकी वजह से रशिया के आरोपों को अनदेखा करना पश्चिमी देश और माध्यमों को आसान हो रहा है। 

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