अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के नशीले व्यापार पर अमरिका के हवाई हमले

वॉशिंगटन: तालिबान और आयएस के आतंकवादियों के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में कारवाई तीव्र की है, इस साल में अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में हवाई हमलों को तीन गुना बढ़ाया है। आतंकवादियों के साथ साथ अमरिका ने हवाई हमलों के जरिए नशीली पदार्थों की तस्करी को भी लक्ष्य बना रहा है। इस वजह से तालिबान और संबंधित यंत्रणाओं को झटका लगा है, ऐसा दावा पश्चिमी मीडिया कर रही है।

हवाई हमले

अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के खिलाफ कारवाई अधिक आक्रामक करने के विडियो पिछले हफ्ते अमरिका की मीडिया में प्रसिद्द हुए थे। तालिबान और संलग्न आतंकवादी संगठनों का आर्थिक स्त्रोत अफीम की खेती पर अमरिका ने हवाई हमले करने के विडियो सामने आए थे। उसके बाद अफ़ग़ानिस्तान में स्थित अमरिका साथ ही नाटो कमांड के प्रमुख जनरल जॉन निकोलसन ने इस कारवाई की जानकारी दी थी।

अफ़ग़ानिस्तान में अफीम की खेती को लक्ष्य बनाया जाने का दावा अमरिकी यंत्रणा कर रही है, लेकिन यह कारवाई जितनी कही जा रही है उससे भी अधिक व्यापक होने का दावा किया जा रहा है।

अमरिकी हवाई दल के ‘सेंट्रल कमांड’ ने हवाई हमले के बारे में प्रसिद्द किए आंकड़ों के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान में हवाई हमलों में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अमरिकी लष्कर ने इस साल दस महीनों में ३५५४ हवाई हमले किए हैं। इसी औसत से अमरिका के हवाई हमले शुरू रहें तो इस साल के अंत तक ४००० से अधिक हवाई हमले होंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है।

पिछले महीने में ही अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में ६५३ बम और मिसाइल गिराए थे। सन २०१० के बाद पहली बार एक महीने में इतने बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए गए हैं। इन हवाई हमलों के लिए अमरिका के हवाई दल ने ‘एफ-२२’ यह स्टेल्थ लड़ाकू और ‘बी-५२’ इन बॉम्बर विमानों का इस्तेमाल किया है। इसमें से ‘एफ-२२’ स्टेल्थ विमान अचूक हमलों के लिए प्रसिद्ध हैं। इन विमानों से किए जाने वाले हमलों की वजह से जीवितहानि टाली जा सकती है। इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान में हवाई हमलों के लिए ड्रोन्स की तैनात बढाई गई है।

पिछले कुछ महीनों से अमरिका के हवाई हमले आतंकवादियों के साथ साथ अफीम की खेती को भी लक्ष्य बना रहे हैं। अफगानिस्तान में स्थित अफीम की खेती यह तालिबान का प्रमुख आर्थिक स्त्रोत है। पिछले १६ वर्षों से अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध पुकारा है, लेकिन इसी दौरान अफ़ग़ानिस्तान की अफीम की खेती में २० प्रतिशत से बढ़ोत्तरी होने की चौंकाने वाली जानकारी पश्चिमी मीडिया ने प्रसिद्द की है।

अफीम की खेती और नशीली पदार्थों के व्यापार से तालिबान हर साल करीब २० करोड़ डॉलर्स की कमाई करता है। तालिबान के नशीले पदार्थों को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराके देने वालों में पाकिस्तान की कुछ यंत्रणाएं साथ ही अधिकारी जिम्मेदार हैं, ऐसा आरोप किया जाता है। इस नशीली पदार्थों के व्यापार में पाकिस्तान की कुविख्यात लष्कर का भी हिस्सा होने की चर्चा है।

इसके पहले अमरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में चलाई मुहिमों में तालिबान की ओर से चल रहे नशीली पदार्थों के व्यापार के खिलाफ कारवाई नहीं की जाती, ऐसी शिकायत कुछ ने की थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ के साथ साथ कई यंत्रणाओं ने इस बारे में दी रिपोर्ट में अफीम की खेती और नशीली पदार्थों का व्यापार अफ़ग़ानिस्तान में बढने का आरोप किया था।

लेकिन अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दी सूचना के बाद अफ़ग़ानिस्तान  में हवाई हमलों की तीव्रता बढने का दावा किया जा रहा है। ट्रम्प ने अफ़ग़ानिस्तान में हवाई हमलों की तीव्रता बढाने के लिए ‘सीआईए’ के अधिकार बढाए हैं और पछले कुछ महीनों से अफ़ग़ानिस्तान की अफीम की खेती, फैक्ट्री, लैब और तस्करी करने वाली गाड़ियों पर हमले बढाए हैं।

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