अमरीका के नए अफ़गान नीति से तालिबान का आतंकवाद समाप्त होगा – अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी

काबुल: अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की नई अफ़गान नीति की वजह से तालिबान के सामने सिर्फ दो पर्याय उपलब्ध है। पहला पर्याय, तालिबान ने हिंसाचार रोककर शांति चर्चा का प्रस्ताव स्वीकार करे। अन्यथा दूसरा, देश मे वैसे ही रहकर अफगानिस्तान मे आतंकवाद शुरू रखें और अपने विनाश का सामना करें, ऐसा इशारा अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने दिया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष, जेम्स मॅटिस और नाटो के प्रमुख स्टोलटनबर्ग इनकी मुलाकात के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष गनी ने यह घोषणा की है। भारत, रशिया और अन्य क्षेत्र के देशों ने पहल करते हुए आतंकवाद विरोधी संघर्ष मे अफगानिस्तान को सहायता करें, ऐसा आवाहन भी अफगानी राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। वहां अफगानी राष्ट्राध्यक्षने पाकिस्तान का सीधा उल्लेख नहीं किया पर तालिबान पाकिस्तान के हाथ का खिलौना बनने के संकेत गनी ने दिए है।

अफ़गान नीतितथा अमरीका और नाटो के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी ४ वर्षों से योजना बनाई है। इस आतंकवाद विरोधी संघर्ष मे शामिल होने के लिए पाकिस्तान को और एक अवसर है। इसके अनुसार पाकिस्तान ने अपने देश की आतंकवादी तल तबाह करें, यह आवाहन राष्ट्राध्यक्ष गनी ने किया है।

अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मॅटिस ने आतंकवाद के विरोध मे बड़ी आघाडी शुरू करने की बात घोषित की है। अफगानिस्तान मे अल-कायदा, हक्कानी नेटवर्क और अन्य आतंकी संगठन के तल नहीं शुरू होने देंगे और अफगानिस्तान को अधिक सुरक्षित बनाएंगे इसके लिए संयुक्त लष्करी आघाडी प्रयत्न करेगा, ऐसा मॅटिसने उस समय कहा था। उसके लिए अमरीका के ११ हजार सैनिक अफगानिस्तान मे तैनात किये जायेंगे और ३००० सैनिक अफगानिस्तान मे जल्द ही दाखिल होंगे, यह जानकारी अमरीका के रक्षा मंत्रालय ने दी है। इसके व्यतिरिक्त नए तैनाती के बारे मे अभी कुछ कह नहीं सकते एसा मॅटिसने स्पष्ट किया है।

दौरान, बुधवार के दिन मॅटिस अफगानिस्तान मे दाखिल होने के बाद, काबुल मे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ४० रॉकेट हमले हुए थे। तालिबान और ‘आयएस’ इन दोनों आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

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