….तो यूरोपीय देशों पर भी ईरान के मिसाइल गिरेंगे- ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी का इशारा

तेहरान: ‘वर्तमान में तो यूरोपीय देश ईरान की सुरक्षा के लिए खतरनाक नहीं हैं। इसलिए ईरान ने भी अपनी मिसाइलों की रेंज को यूरोप तक बढायी नहीं है। लेकिन अगर यूरोपीय देश ईरान के लिए खतरनाक साबित होने लगे तो ईरान अपनी मिसाइलों की रेंज यूरोप तक बढ़ाएगा’, ऐसा कठोर इशारा ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ कमांडर ब्रिगेडीअर जनरल ‘हुसैन सलामी’ ने दिया है। ईरान के मिसाइल परीक्षण पर फ़्रांस ने आक्षेप दर्ज करने के बाद, ईरान से यह तीव्र प्रतिक्रिया आई है।

ईरान के मिसाइल

‘यूरोपीय देशों तक मिसाइल प्रक्षेपित करने की तकनीक हमारे पास उपलब्ध है लेकिन ईरान ने अपनी मिसाइलों की रेंज २००० किमी तक ही सीमित रखी है’, इसकी सलामी ने याद दिलाई है। लेकिन ईरान सिर्फ कुछ ही दिनों में अपनी मिसाइलों की रेंज बढ़ा सकता है, ऐसा सलामी ने कहा है। साथ ही ‘अमरिका, यूरोपीय महासंघ और इस्राइल ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का निरस्त्रीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं’, ऐसा आरोप सलामी ने लगाया है। लेकिन पश्चिमी में देशों की इस कोशिश को नाकाम करेंगे, ऐसा सलामी ने कहा है।

अक्टूबर महीने में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख अली जाफरी ने भी ईरान के मिसाइलों की क्षमता कभी भी विकसित कर सकते हैं, ऐसा घोषित किया था। ‘ईरान अपने मिसाइलों की रेंज २००० किमी से भी आगे बढ़ा सकता है। लेकिन ईरान के पास के वर्तमान के मिसाइल इस क्षेत्र के अमरिका और मित्र देशों के लष्करी अड्डों को लक्ष्य बना सकते हैं’, ऐसा इशारा जाफरी ने दिया था।

पिछले कुछ दिनों से फ़्रांस ईरान के खिलाफ बोल रहा है। फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर चिंता व्यक्त की थी। साथ ही ईरान के साथ किए अनुबंध से अमरिका बाहर नहीं निकले इसके लिए इस अनुबंध में ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल निर्माण के कार्यक्रम को भी शामिल करके लेने का प्रस्ताव फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिया था। इसके अलावा लेबनोन के प्रधानमंत्री साद हरिरी के इस्तीफा प्रकरण में भी फ़्रांस ने हस्तक्षेप करने की तैयारी दर्शाई थी। यह बात ईरान के पल्ले नहीं पड़ी।

दो वर्ष पहले ईरान और पश्चिमी देशों के बिच हुए परमाणु अनुबंध के बाद फ़्रांस ने ईरान के साथ करोड़ों डॉलर्स का सहकार्य किया था। उसीके साथ ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध से बाहर निकलने की धमकी दे रहे थे, तब ईरान के पक्ष का मैक्रॉन ने समर्थन किया था। लेकिन पिछले महीने से फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष की भूमिका में बदलाव होने की वजह से ईरान ने फ़्रांस के साथ पूरे यूरोप को मिसाइल की रेंज में लाने की धमकी दी है।

दौरान, सन २०१५ में ईरान ने करीब २५०० किमी तक की दूरी के यूरोप में स्थित हंगेरी तक लक्ष्य बनाया जा सकता है, ऐसे ‘सोमर’ इस मिसाइल का परिक्षण किया था। लेकिन यूरोप को लक्ष्य बनाने वाले मिसाइल ईरान के पास नहीं हैं, ऐसा दावा रशिया कर रहा है। ईरान के मिसाइल का बहाना करके अमरिका ने पूर्व यूरोप में तैनात की हुई मिसाइल भेदी यंत्रणा अमरिका वापस ले, ऐसी रशिया ने माँग की थी। लेकिन ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ने ईरान के पास यूरोप को लक्ष्य बनाने वाले मिसाइल हैं, ऐसा घोषित करके के रशिया की बोलती बंद कर दी है।

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