परमाणु समझौते के बाद भी ईरान २० प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन करना जारी रखेगा – ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख का ऐलान

तेहरान/वॉशिंग्टन – ‘पश्‍चिमी देशों से परमाणु समझौते के बाद और उनके द्वारा प्रतिबंध शिथिल किए जाने के बावजूद ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के तहत युरेनियम का २० प्रतिशत संवर्धन करता रखेगा’, यह ऐलान ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने किया। ईरान की यह भूमिका परमाणु समझौते के लिए ड़टे हुए बायडेन प्रशासन और यूरोपिय महासंघ के लिए चुनौती साबित हो सकती है। इसी बीच, रशिया ने यूक्रैन में घुसपैठ की है, लेकिन इससे ईरान को परमाणु बम का निर्माण करने के लिए हरी झंड़ी नहीं दिखाई गई है, यह इशारा अमरीका ने दिया है।

यूरेनियम संवर्धनवर्ष २०१५ के परमाणु समझौते के अनुसार ईरान को यूरेनियम संवर्धन की सीमा ३.६७ प्रतिशत रखने की अनुमति थी। ऐसी स्थिति में ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख का यह ऐलान ध्यान आकर्षित करता है। पश्‍चिमी देशों के साथ परमाणु समझौता करने के बावजूद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन की मात्रा २० प्रतिशत तक रखने का ऐलान करके इस्लामी ने परमाणु समझौते के नियमों से ईरान बंधा हुआ ना होने की बात स्पष्ट की। कुछ दिन पहले ही ईरान के वरिष्ठ नेता ने यह स्पष्ट किया था कि, पश्‍चिमी देशों के साथ परमाणु समझौते के बावजूद ईरान के परमाणु कार्यक्रम में बदलाव नहीं आएगा।

इससे ईरान की यह भूमिका परमाणु बातचीत का समर्थन कर रहे बायडेन प्रशासन को अधिक मुश्‍किल में डाल सकती है। इसकी वजह से इस्रायल, अरब देशों को नाराज़ करके ईरान के साथ परमाणु समझौता करने को अहमियत देने वाले बायडेन प्रशासन की आलोचना हो सकती है, ऐसा अमरिकी माध्यमों का कहना है। इसकी वजह से बायडेन प्रशासन की और एक विदेश नीति असफल हुई, यह चर्चा जोर पकड़ सकती है। इससे अमरीका की सुरक्षा के लिए भी खतरा बढ़ सकता है, इस ओर अमरिकी माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

यूरेनियम संवर्धनपिछले हफ्ते वियना में हुई परमाणु समझौते की बातचीत की अच्छी प्रगति पर होने का दावा पश्‍चिमी देश कर रहे हैं। पर अभी कुछ मुद्दों पर फैसला ना हुआ है, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है। कौनसे मुद्दे पर बातचीत फंसी है, यह अमरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन, यूक्रैन में घुसपैठ करने के मामले को लेकर अमरीका ने रशिया पर प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी ईरान को खुली छूट नहीं दी गई है, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड राईस ने स्पष्ट किया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अहमियत देकर अमरीका आगे भी ईरान के मुद्दे पर रशिया से चर्चा जारी रखेगी, ऐसा प्राईस ने कहा।

वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता पुनर्जीवित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समूदाय और ईरान की बातचीत आगे भी होती रहेगी। इस बैठक में रशिया की अहमियत आगे भी बरकरार रहेगी, ऐसा प्राईस ने कहा। इस वजह से यूक्रैन मुद्दे के पीछे से ईरान को परमाणु बन निर्माण करने की सहुलियत नहीं दी गई है, यह इशारा अमरिकी विदेश मंत्रालय ने दिया है।

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