अमरीका ने इजिप्ट का लष्करी सहयोग रोका

us-stop-egypt-military-aid-3वॉशिंग्टन – अमरीका ने खाड़ी क्षेत्र के मित्रदेश इजिप्ट का 13 करोड़ डॉलर का लष्करी सहयोग रोक दिया है। अमरीका के विदेश विभाग ने यह घोषणा की। मानवाधिकारों के मुद्दे पर बायडेन प्रशासन ने यह फ़ैसला किया है। इजिप्ट ने फ्रान्स के साथ लष्करी सहयोग बढ़ाने के कारण अमरीका ने यह कार्रवाई की होने का दावा किया जाता है। वहीं, अमरीका की बागडोर संभालने के बाद राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने लष्करी सहायता रोके हुए देशों में, युएई और सऊदी अरब के बाद अब इजिप्ट इस तीसरे अरब मित्रदेश का समावेश हुआ है।

पिछले साल सितंबर महीने में अमरीका ने इजिप्ट के लिए 30 करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता मंज़ूर की थी। इसके तहत अमरीका इजिप्ट को लष्करी मालढुलाई के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले विमान और रडार यंत्रणा की सप्लाई करनेवाली थी। लेकिन अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन ने इस सहायता को रोके रखा था। 31 जनवरी 2022 तक इजिप्ट ने, मानवाधिकारों के संदर्भ में होनेवाली अमरीका की माँगों की पूर्ति करने के बाद ही यह सहायता खुली की जाएगी, ऐसा ब्लिंकन ने स्पष्ट किया था।

us-stop-egypt-military-aid-2शुक्रवार को अमरीका के विदेश विभाग में इस संदर्भ में जानकारी देते समय, इजिप्ट की लष्करी सहायता रोकी होने का ऐलान किया। ‘जल्द ही इजिप्ट को दी अवधि पूरी हो रही है। अब तक इजिप्ट ने हालाँकि हमारी माँगों पर उल्लेखनीय प्रगति की है, फिर भी सारी माँगें पूरी नहीं कीं हैं’, ऐसा कहकर अमरीका के विदेश विभाग ने, इजिप्ट के लिए दी जानेवाली 13 करोड़ डॉलर्स की लष्करी सहायता रोकने का ऐलान किया।

इस फ़ैसले की वजह से इजिप्ट के साथ के संबंधों पर असर नहीं होगा, ऐसी उम्मीद अमेरिका के विदेश विभाग ने व्यक्त की। वहीं, बायडेन प्रशासन ने किए इस फ़ैसले का अमेरिकन सीनेट के डेमोक्रॅट्स पार्टी के सदस्यों ने स्वागत किया। इस कार्रवाई के ज़रिए इजिप्ट को उचित संदेश मिला होने का दावा सिनेटर ख्रिस मर्फी ने किया।

us-stop-egypt-military-aid-1अमरीका ने इजिप्ट के सामने रखीं माँगों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया था। लेकिन इस्रायली माध्यमों ने दी जानकारी के अनुसार, इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष अदेल अल-सिसी ने पिछले चार सालों में गिरफ्तार किए राजनीतिक नेताओं की रिहाई करने की माँग बायडेन प्रशासन ने की थी। इनमें कट्टरपंथी नेताओं का समावेश होने का दावा किया जाता है। सन 2014 में सिसी ने इजिप्ट की सत्ता में आने के बाद, मुस्लिम ब्रदरहूड इस कट्टरपंथीय संगठन के नेताओं तथा समर्थकों की गिरफ्तारी का सत्र चलाया था।

इस संगठन के नेता और सैकड़ों समर्थक आज भी जीत की जेलों में कैद होकर उन पर हिंसाचार मचाने के आरोप हैं। वहीं, सन 2017 के अप्रैल महीने में, इजिप्ट में ईसाई धर्मियों के प्रार्थना स्थल में हुए विस्फोट के बाद सिसी सरकार ने इमरजेंसी का ऐलान किया था।

इस विस्फोट के मामले में भी कट्टरपंथियों को हिरासत में लिया गया था। पिछले साल के अक्तूबर महीने तक सिसी सरकार ने यह इमरजेंसी कायम रखी थी। साथ ही, इन कट्टरपंथियों पर मुकदमे जारी रखे होकर, कुछ नेताओं को सज़ा भी सुनाई गई है। इनमें से कौनसे नेताओं की अथवा व्यक्तियों की रिहाई की माँग अमरीका ने की है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।

उसी के साथ, पिछले साल इजिप्ट ने फ्रान्स के साथ पाँच अरब डॉलर्स का रक्षा समझौता किया था। उसके अनुसार इजिप्ट फ्रान्स से तकरीबन 30 ‘एफ2-आर राफेल’ इन प्रगत विमानों की खरीद करनेवाला है। इजिप्ट ने फ्रान्स के साथ किए इस समझौते की गूँजें अमरीका में सुनाई दीं थीं। इजिप्ट को दी जा रही लष्करी सहायता को रोकने की माँग अमरीका में होने लगी थी।

बायडेन प्रशासन ने लष्करी सहायता रोका हुआ अथवा रद्द किया हुआ इजिप्ट यह पहला देश नहीं है। बायडेन प्रशासन ने अमरीका की बागडोर संभालने के बाद पिछले साल भर में, अमरीका के तीन अरब मित्र देशों की लष्करी सहायता रोक दी थी। इनमें सऊदी अरब और युएई इन अहम अरब देशों का समावेश है।

सन 2020 में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करनेवाले युएई को 50 एफ-35 अतिप्रगत लड़ाकू विमानों की बिक्री करने का ऐलान किया था। लेकिन बायडेन प्रशासन ने इस सहयोग में रोड़ा पैदा किया है। वहीं, सऊदी को की जानेवाली हथियारों की बिक्री भी बायडेन प्रशासन ने रोके रखी है। इसके लिए, सऊदी और युएई ने यमन में चल रहे संघर्ष में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया होने का कारण बायडेन प्रशासन ने आगे किया था।

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