पाकिस्तान में अघोषित ‘मार्शल लॉ’ लगा हैं – पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान का आरोप

इस्लामाबाद – पाकिस्तान में अघोषित सैन्य शासन लगा हैं। ऐसी स्थिति में देश को सीर्फ सर्वोच्च न्यायालय का ही आधार हैं। सर्वोच्च न्यायालय ही पाकिस्तान का जनतंत्र बचा सकेगा, ऐसा आवाहन पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया है। पाकिस्तानी सेना ने इम्रान खान के विरोध में आक्रामक गतिविधियां शुरू की हैं। इस वजह से इम्रान खान की पार्टी के ज्येष्ठ नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। साथ ही सेना ने इम्रान खान की पार्टी पर पाबंदी लगाने की बड़ी तैयारी की है। इससे इम्रान खान सर्वोच्च न्यायालय से यह आवाहन करते दिख रहे हैं।  

‘मार्शल लॉ’फवाद चौधरी, असद उमर यह इम्रान खान की ‘पाकिस्तान तेहरिक ए इन्साफ’ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख नेता थे। ९ मई को इम्रान खान की गिरफ्तारी होने के बाद इन नेताओं ने आक्रामक भूमिका अपनाकर प्रदर्शनकारियों को उकसाया था। इन प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सेना पर किए हमले के बाद सेनाप्रमुख जनरल असिम मुनीर ने इम्रान खान और उनके सहयोगियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय किया था। इसपर काम शुरू हुआ हैं। इससे पीटीआई के नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हुई। जैसे तैसे इन नेताओं की रिहाई होने के बाद उन्होंने पीटीआई से बाहर होने का ऐलान कर दिया।

इम्रान खान के मंत्री मंड़ल में वित्त मंत्री रहे असद उमर ने आगे से हम पीटीआई में नहीं रहेंगे, ऐसा ऐलान किया। इम्रान खान के मंत्री मंड़ल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री रहे फवाद चौधरी ने भी पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इससे एक दिन पहले इम्रान खान के समर्थक शिरिन मझारी ने भी पार्टी छोड़ने का निर्णय किया था। इस पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी हाल ही में हुई घटनाओं का दाखिला देकर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर रहे हैं।

शुरू में अपनी पार्टी छोड़ने वालों की आलोचना ना करें, ऐसा संदेश इम्रान खान ने अपने समर्थकों को दिया था। सेना इन नेताओं पर दबाव बना रही हैं। इसका सामना करना आसान नहीं हैं, इस वजह से सहानुभूति दिखाकर इन नेताओं की कोई भी आलोचना ना करें, ऐसा इम्रान खान ने कहा था। लेकिन, पार्टी छोड़ रहे नेताओं की संख्या बढ़ने के बाद इम्रान खान की हलचल शुरू हुई हैं।

अपनी पार्टी के करीबन दस हज़ार कार्यकर्ता गिरफ्तारी में हैं। उनसे शत्रु के एजेन्ट की भांती बरताव किया जा रहा है, ऐसी शिकायत इम्रान खान ने की। इस वजह से पाकिस्तान में अघोषित सैन्य शासन शुरू हुआ हैं और सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय ही पाकिस्तान के जनतंत्र को बचा सकता हैं, ऐसा इम्रान खान ने कहा। साथ ही हमारी पार्टी पर पाबंदी लगाने की तैयारी होने की चिंता भी इम्रान खान ने व्यक्त की। पाकिस्तान की सेना और सरकार के साथ इम्रान खान और उनके समर्थकों का शुरू संघर्ष आगे के समय में अधिक तीव्र होगा, ऐसे संकेत खान के बयान से प्राप्त हो रहे हैं। क्यों कि, पाकिस्तान का युवा वर्ग इम्रान खान के समर्थन में खड़ा हैं। 

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