पाकिस्तान की भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था छोड़ने का इम्रान खान ने किया ऐलान – आम चुनाव की मांग अधिक आक्रामकता से करने का इशारा

रावळपिंडी –  लॉन्ग मार्च से राजधानी इस्लामाबाद पहुंचने का ऐलान करने वाले पाकिस्तान के विपक्षी नेता इम्रान खान ने अब लॉन्ग मार्च ही रद किया है। लेकिन, पाकिस्तान की संसद सदस्यता का इस्तीफा देकर अपनी पार्टी इस राजनीतिक व्यवस्था से बाहर हो रही है, यह निर्णय इम्रान खान ने अब घोषित किया है। पाकिस्तान के पंजाब, खैबर पख्तुनख्वा, सिंध एवं बलोचिस्तान और पाकिस्तान के कब्ज़े के कश्मीर एवं गिलगिट बाल्टिस्तान प्रांत में इम्रान खान की पार्टी के सदस्य चुनाव में विजयी हुए है। यह सभी इस्तीफा देंगे, यह ऐलान करके इम्रान खान ने पाकिस्तान में सनसनी फैलाई। इसके साथ ही उन्होने यह आरोप भी लगाया कि, हमारी हत्या की कोशिश करने वाले तीन गुनाहगार हमे खत्म करने की साज़िश कर रहे हैं।

राजनीतिक व्यवस्थापाकिस्तान में काफी बड़ी उथल-पुथल हो रही हैं और नए सेनाप्रमुख की नियुक्ती के बाद विपक्षी नेता इम्रान खान और उनके सहयोगी बौखलाए दिख रहे हैं। लेफ्टनंट जनरल असीम मुनीर की सेनाप्रमुख पद पर नियुक्ती हुई हैं और वह इम्रान खान के कड़े विरोधी समझे जाते है। इम्रान खान प्रधानमंत्री थे तब उनकी पत्नि ने किए भ्रष्टाचार का मामला लेफ्टनंट जनरल असीम मुनीर ने ही सार्वजनिक किया था। उनकी सेनाप्रमुख पद पर हुई नियुक्ति यानी पाकिस्तानी सेना का इम्रान खान से ‘असहकार’ होने का दावा किया जा रहा है। इसी वजह से इम्रान खान ने लॉन्ग मार्च के साथ इस्लामाबाद पहुँचना टाल दिया है। इससे देश में अस्थिरता और अराजकता निर्माण होने की संभावना जताकर इम्रान खान ने रावलपिंडी में हुई रैली में यह मार्च रद्द करने की बात स्पष्ट की।

लेकिन, मौजूदा भ्रष्ट व्यवस्था का हिस्सा बने बिना हमारी ‘पाकिस्तान तेहरिक ए इन्साफ’ (पीटीआई) पार्टी सभी प्रांत की असेंब्ली से बाहर निकलेगी, यह इम्रान खान ने घोषित किया। पंजाब और खैबर पख्तुनख्वा और पाकिस्तान ने कब्ज़ा किए कश्मीर एवं गिलगिट-बाल्टिस्तान प्रांत में ‘पीटीआई’ की सरकार हैं। सिंध और बलोचिस्तान प्रांत की विधानसभा में भी पीटीआई के सदस्य चुनाव में जीत हासिल करके पहुँचे हैं। यह सभी सदस्य इस्तीफा देकर यहां से बाहर निकलेंगे, यह ऐलान करके इम्रान खान ने सनसनी निर्माण की। इससे पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा। पाकिस्तान की संसद में पीटीआई के सभी सदस्यों ने पहले ही इस्तीफा दिया है। लेकिन, इनके इस्तीफे अभी मंजूर नहीं हुए है। ऐसी स्थिति में यह निर्णय करके इम्रान खान काफी बड़ी चुनौती स्वीकारते दिख रहे हैं।

पाकिस्तान में जल्द से जल्द चुनाव घोषित हो, यह इम्रान खान की मांग हैं। यह मांग मंजूर ना होने की स्थिति में उन्होंने यह निर्णय किया हैं और इसका पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था पर काफी बड़ा असर हो सकता हैं। साथ ही पाकिस्तान की संसद के चुनाव करने तक हम शांत नहीं बैठेंगे, यह घोषित करके इम्रान खान ने मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार और सेना पर दबाव बनाए रखा है। साथ ही इम्रान खान ने यह आरोप भी लगाया है कि, हमें खत्म करने की नई साज़िश की जा रही है। इससे पहले हमारी हत्या करने की कोशिश करने वाले तीन अपराधी फिर से यह कोशिश करने की तैयारी में हैं, यह आरोप इम्रान खान ने लगाया। इससे पहले इम्रान खान पर लॉन्ग मार्च के दौरान गोलीबारी हुई थी और उनके पैर को गोली लगी थी। इस हमले के पीछे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, अंदरुनि सुरक्षा मंत्री राणा सनाउल्लाह और आयएसआय के अधिकारी मेजर जनरल फैसल नासीर का हाथ होने का आरोप इम्रान खान ने लगाया था। रावळपिंडी की रैली में उन्होंने ज़िक्र किए बिना तीन अपराधिक हमे खत्म करने की साज़िश फिर से कर रहे हैं, यह दावा इम्रान खान ने लगाया।

इसी बीच, पाकिस्तान के सिनेट सदस्य और पीटीआई के नेता अझम स्वाती की गिरफ्तारी हुई हैं और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सोशल मीडिया पर किए जा रहें बयानों के कारण यह कार्रवाई होने की बात कही जा रही हैं। इसपर भी इम्रान खान ने गुस्सा व्यक्त किया है। पाकिस्तान तानाशाही देश बना है, यही बात स्वाती की गिरफ्तारी से साबित होने का दावा खान ने किया। लेकिन, सेनाप्रमुख पद पर असीम मुनीर की नियुक्ति होने के बाद इम्रान खान और उनके सहयोगियों को इससे भी अधिक सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी बीच इम्रान खान के प्रति सहानुभूति रखने वाले फैज हमीद जैसे सेना अधिकारी को इस्तीफा देने के लिए मज़बूर किया जा रहा हैं। ऐसी स्थिति में इम्रान खान ने पाकिस्तानी सेना से संघर्ष करने का निर्णय किया तो फिर इसके अधिक सख्त परिणाम सामने आएंगे, ऐसा पाकिस्तान के माध्यम कहने लगे हैं।

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