युक्रेन में से 28 लाख से अधिक शरणार्थी युरोप में दाखिल

कीव/ब्रुसेल्स – रशिया ने युक्रेन में शुरू की लष्करी मुहिम के 20 दिनों की अवधि में युक्रेन में से 28 लाख से अधिक लोग युरोप में शरणार्थी के रूप में दाखिल हुए हैं। उनमें से 17 लाख से अधिक शरणार्थी सिर्फ पोलैंड में आए होकर, यह संख्या और बढ़ने का डर जताया जा रहा है। युक्रेन के पड़ोसी देश बड़ी संख्या में शरणार्थियों का स्वीकार कर रहे हैं, ऐसे में जर्मनी ने युक्रेन शरणार्थियों की स्पेशल ट्रेन्स बंद कीं जायें, ऐसी विनती की होने की बात सामने आई है।

युक्रेन में से 28 लाख से अधिक शरणार्थी युरोप में दाखिलपिछले महीने के अंत में रशिया ने युक्रेन के विरोध में लष्करी कार्रवाई शुरू की थी। दिन-ब-दिन रशियन हमलों की तीव्रता बढ़ रही होकर, युक्रेनी नागरिक बड़े पैमाने पर बाहर निकल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी युक्रेन में भी हमले किए होकर, उसके बाद इन इलाकों की जनता ने भी देश छोड़ने की शुरुआत की है। राजधानी कीव समेत खारकिव्ह, मारिपोल, ओडेसा, लिव्ह इन शहरों से, जो मिलेगा उस मार्ग का इस्तेमाल करके हज़ारों की संख्या में शरणार्थी बाहर निकलने लगे हैं।

पोलैंड, हंगेरी, स्लोव्हाकिया, रोमानिया और मोल्दोव्हा की सीमाओं पर युक्रेनी नागरिकों की कतारें लगना शुरू हुआ है। अकेले पोलैंड में 17 लाख से अधिक लोग युक्रेनी शरणार्थियों के रूप में दाखिल हुए होने की जानकारी पोलिश यंत्रणाओं ने दी। कुछ नागरिक आगे जर्मनी, फ्रान्स, ब्रिटेन इन देशों में भी जाने की बात सामने आई है। युक्रेन में से निश्चित रूप में कितने लोग बाहर निकलेंगे इसका हालांकि अंदाज़ा नहीं है, फिर भी अमरिकी और युरोपीय अधिकारियों ने यह दावा किया है कि यह संख्या 50 लाख तक जा सकती है।

इसी बीच, रशिया के हमले की तीव्र परिणाम यूक्रेन की अर्थव्यवस्था पर होंगे, ऐसी चेतावनी अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दी। इस वर्ष में युक्रेन की अर्थव्यवस्था में लगभग 35 प्रतिशत की गिरावट होगी, ऐसी चेतावनी मुद्रा कोष ने दी है। रशियन कार्रवाई की पृष्ठभूमि पर युक्रेन की अर्थव्यवस्था में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। उससे सँभलने के लिए मुद्रा कोष समेत अन्य देशों ने अरबों डॉलर की अर्थ सहायता घोषित की है। उसमें मुद्रा कोष ने मंज़ूर किए 1.4 अरब डॉलर्स के ‘इमर्जन्सी फंड’ का भी समावेश है।

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