रशिया के साथ बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन युक्रेन को दस युद्धपोतों की सप्लाई करेगा

लंडन/किव्ह/मॉस्को – युक्रेन के मुद्दे पर रशिया और पश्चिमी देशों में तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में ब्रिटेन ने युक्रेन के साथ रक्षा समझौता करने का फैसला किया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस के युक्रेन देवरी में इस पर एकमत हुआ होकर, समझौते का प्राथमिक पड़ाव संपन्न हुआ बताया जाता है। इस समझौते के तहत ब्रिटेन युक्रेन को दस युद्धपोत और रक्षा यंत्रणा ओं की आपूर्ति करने वाला है। ब्रिटेन और युक्रेन के बीच हुए इस समझौते के पृष्ठभूमि पर, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने फिर एक बार पश्चिमी देशों पर, युक्रेन के हालात बिगाड़ने का आरोप किया।

तनावपिछले ही हफ्ते ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख सर जनरल निक कार्टर ने चेतावनी दी थी कि शीत युद्ध के बाद पहली ही बार पश्चिमी देशों रशिया के बीच युद्ध भड़कने का खतरा सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा है। उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने जताया था कि युरोप को युक्रेन और रशियन इंधन इनमें से एक को चुनना होगा। इसी बीच, युक्रेन को समर्थन दर्शाने के लिए ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने युक्रेन का दौरा करके हालातों का मुआयना किया।

इस दौरे में ब्रिटेन और युक्रेन के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दे पर अहम चर्चा संपन्न हुई। इस चर्चा में दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौते पर एकमत हुआ है। ब्रिटेन और यूक्रेन के बीच का यह समझौता २.२९ अरब डॉलर्स का है। इस समझौते के अनुसार ब्रिटेन युक्रेन को दो ‘माईनहंटर्स’ की सप्लाई करनेवाला है। इसके अलावा आठ ‘मिसाईल शिप्स’ और एक विध्वंसक का संयुक्त निर्माण किया जानेवाला है। ब्रिटेन युक्रेन की नौसेना को हथियारों की सप्लाई भी करनेवाला है। इस समझौते के प्राथमिक चरण पर हस्ताक्षर हुए होने की जानकारी सूत्रों ने दी।

युक्रेन की सीमा पर रशिया द्वारा लष्कर इकट्ठा करना तथा अन्य गतिविधियाँ चिंताजनक हैं। ब्रिटेनकी सार्वभौमिकता और क्षेत्रीय एकात्मता को चुनौती नहीं दी जा सकती’, ऐसा ब्रिटेन और युक्रेन के रक्षा मंत्रियों ने जारी किए संयुक्त निवेदन में जताया गया है। कुछ महीने पहले ब्रिटेन के एक युद्धपोत ने युक्रेन और रशिया के बीच होनेवाले सागरी क्षेत्र में गश्त की थी। इस समय रशियन नौसेना ने ब्रिटिश युद्धपोत को धमकाने की और बम फेंकने की चेतावनी दी होने की बात सामने आई थी। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने इस मुद्दे पर ब्रिटेन को चेतावनी दी थी।

तनावइस बात को मद्देनज़र रखते हुए ब्रिटेन ने युक्रेन के साथ रक्षा समझौते का फैसला करना अहम साबित होता है। इस समझौते की पृष्ठभूमि पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने फिर एक बार पश्चिमी देशों को लक्ष्य किया। रशियन सीमा के पास तथा युक्रेन की सीमा में पश्चिमी देशों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। ये गतिविधियाँ संघर्ष को उकसानेवालीं साबित हो सकती हैं, ऐसा पुतिन ने जताया। पुतिन की चेतावनी पर अमरीका से प्रतिक्रिया आई है।

‘रशिया की लष्करी गतिविधियाँ और आक्रामकता गंभीर चिंता पैदा करनेवाली बात साबित होती है। रशिया युक्रेन के नजदीकी क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए कोशिश करें’, ऐसा व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा। नाटो ने भी रशिया की आलोचना की होकर, इससे पहले के दौर में रशिया ने अन्य देशों में दखलअंदाजी करके उन पर आक्रमण किया था, इसकी याद नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने करा दी।

युक्रेन पर लष्करी दबाव बढ़ाने के लिए और तनाव पैदा करने के लिए रशिया ने युक्रेन की सीमा के पास ९० हज़ार से अधिक जवान तैनात किए होने की जानकारी सामने आई है। रशिया की गतिविधियों को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका समेत नाटो सदस्य देश सक्रिय हुए हैं। युक्रेन समेत युरोपीय सदस्य देशों में रक्षासिद्धता बढ़ाई गई होकर, लड़ाकू विमान तथा युद्धपोतों की गश्त में बढ़ोतरी हुई है। इससे यहाँ का तनाव अधिक ही बिगड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

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