अमरिका-रशिया की तुर्की को चेतावनी – लीबिया में हस्तक्षेप ना करें

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/मास्को/अंकारा – ‘तुर्की ने लीबिया में की हुई सेना की तैनाती इस देश की स्थिति और भी बिगाडनेवाली साबित होगी’, यह इशारा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया है| तुर्की की संसद ने लीबिया में सेना तैनात करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने रखे प्रस्ताव को मंजुरी दी है| इस पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने प्रतिक्रिया दर्ज की है| अमरिका की तरह रशिया ने भी लीबिया में हो रही तुर्की की सेना तैनाती पर फटकार लगाई है|

लीबिया में तुर्की के सैनिकों की तैनाती करने संबंधी राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने रखा प्रस्ताव तुर्की की संसद ने पारित किया ३२५ बनाम १८४ ऐसे फर से तुर्की की संसद ने इस सेना तैनाती को मंजुरी प्रदान की है| लीबिया के सराज की ‘गव्हर्नमेंट ऑफ नैशनल अकॉर्ड’ (जीएनए) सरकार ने रखी मांग के बाद यह तैनाती करने की बात एर्दोगन ने कही है|

इससे पहले ही तुर्की ने लीबिया में हमलावर ड्रोन्स तैनात किए है और ‘तुर्कीश मुस्लिम ब्रदरहूड’ इस चरमपंथी संगठन के हथियारी सैनिक भी रवाना किए है| तुर्की ने किए इन निर्णय का लीबियन प्रधानमंत्री सराज ने स्वागत किया| पर, तुर्की की इस नई सेना तैनाती पर अमरिका, रशिया के अलावा अन्य कुछ देशों से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है| इससे पहले अरब लीग ने भी लीबिया में हो रहे तुर्की के हस्तक्षेप पर कडा विरोध जताया था|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को फोन करके लीबिया में सेना तैनाती करने के मुद्दे पर चेतावनी दी है| ‘तुर्की लीबिया में लष्करी हस्तक्षेप ना करें| तुर्की से लीबिया में होनेवाला यह हस्तक्षेप इस देश की स्थिति और भी बिगाड सकता है’, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया है| व्हाईट हाउस के प्रवक्ता होगान गिडले ने यह जानकारी साझा की| तभी, रशिया के वरिष्ठ नेता ‘लियोनिड स्लट्स्की’ ने तुर्की के निर्णय पर चिंता व्यक्त की|

‘लीबिया की समस्या पर बातचीत के माध्यम से हल निकालने की आवश्यकता है| इसके लिए तीसरें देश ने लष्करी हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं’, इन कडे शब्दों में लियोनिड स्लट्स्की ने तुर्की को लक्ष्य किया| साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी लीबिया में हो रही तुर्की की सेना तैनाती पर अपनी भूमिका रखें, यह निवेदन किया है|

तुर्की और लीबिया के इस लष्करी सहयोग पर इस्रायल, ग्रीस और सायप्रस ने भी विरोध जताया है| ग्रीस में हुई ‘ईस्टमेड’ की बैठक में तीनों देशों के राष्ट्रप्रमुख ने तुर्की से लीबिया में हो रही सेना तैनाती और नौसेना का सहयोग इस क्षेत्र में गंभीर परिणामों को निमंत्रण देनेवाला है, यह चेतावनी दी है|

इसी बीच, तुर्की की इस सेना तैनाती के बाद लीबिया के संघर्ष में अन्य देश भी शामिल होंगे और इसे बहुराष्ट्रीय युद्ध का स्वरूप प्राप्त होगा, यह चेतावनी अमरिकी समाचार पत्र ने दी है|

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