चीन के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर अमरीका और जापान की ‘टू प्लस टू’ चर्चा – सैन्य तैनाती और हायपरसोनिक मिसाइलों के समझौते पर सहमति

वॉशिंग्टन/टोकियो – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ रहे खतरे की पृष्ठभूमि पर अमरीका और जापान के बीच गुरुवार को ‘टू प्लस टू’ चर्चा हुई। इस दौरान अमरीका की जापान में हुई सैन्य तैनाती और हायपरसोनिक मिसाइलों के खतरों को प्रत्युत्तर देनेवाली प्रणाली से संबंधित समझौता करने पर सहमति होने की जानकारी दोनों ओर से साझा की गई। जापान और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा सहयोग के समझौते के बाद २४ घंटे पूरे होने से पहले हुई यह चर्चा ध्यान आकर्षित कर रही है। चर्चा के बाद अमरीका और जापान ने जारी किए संयुक्त निवेदन पर चीन की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।

अमरीका और जापानपिछली शताब्दी में दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमरीका ने जापान के साथ व्यापक रक्षा सहयोग समझौता किया था। इसके अनुसार अमरीका ने जापान की सुरक्षा का ज़िम्मा उठाया है। इसके बावजूद चीन की विस्तारवादी हरकतें और बढ़ रहे खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान ने अपनी नीति अधिक आक्रामक की है। चीन से जुड़ा कोई भी जोखिम उठाने के लिए जापान का नेतृत्व तैयार नहीं है और मित्रदेश अमरीका के अलावा अन्य देशों से भी सहयोग बढ़ा रहा है।

अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में अमरीका और जापान के बीच कुछ हद तक मतभेद निर्माण हुए थे। यह मतभेद खत्म करने के लिए दोनों देशों ने कदम उठाए हैं और चीन के खिलाफ अपना गठबंधन अधिक मज़बूत करने के संकेत दिए हैं। गुरूवार और शुक्रवार को दोनों देशों के विदेश एवं रक्षा मंत्रालय की चर्चा से यह बात रेखांकित हुई। कोरोना की पृष्ठभूमि पर दोनों देशों ने ‘टू प्लस टू’ चर्चा का वर्चुअली आयोजन करने के बाद संयुक्त निवेदन जारी किया।

अमरीका और जापानइस निवेदन में मुक्त एवं खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का ज़िक्र करके चीन की ‘ईस्ट चायना सी’ एवं ‘साऊथ चायना सी’ में जारी हरकतों पर आलोचना की गई। चीन की इन हरकतों को रोकने के लिए रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत करने की गवाही दोनों देशों ने दी। जापान में अमरिकी सेना की तैनाती करने में आनेवाली बाधा दूर की गई है और इससे संबंधित समझौता जल्द ही होगा, यह जानकारी निवेदन में प्रदान की गई है।

इसी के साथ हायपरसोनिक मिसाइलों के खतरे का ज़िक्र करके इस खतरे को रोकनेवाली प्रणाली का संयुक्त विकास किया जाएगा और इसके लिए समझौता करने के संकेत अमरीका और जापान ने दिए हैं। हायपरसोनिक मिसाइलों के साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमता एवं आर्टिफिशल इंटेलिजन्स जैसी प्रगत तकनीक से संबंधित सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठाने के मुद्दे पर भी चर्चा होने की बात निवेदन में कही गई है। ‘क्वाड’ का सहयोग बढ़ाना एवं ताइवान के मुद्दे पर अधिक सक्रिय भूमिका अपनाने को लेकर भी दोनों देशों की बातचीत होने की जानकारी इस निवेदन में है।

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