चीन की बढ़ती आक्रामकता के विरोध में जापान-अमरीका-फ्रान्स का युद्धाभ्यास

us-japan-france-war-exerciseटोकिओ – ‘मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक के संदर्भ में जापान की भूमिका से फ्रान्स भी सहमत है। इसलिए जापान और अमरीका के लष्करों में होनेवाले युद्धाभ्यास में पहली ही बार फ्रान्स भी सहभागी होनेवाला है’, ऐसी घोषणा जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने की। जापान के रक्षा मंत्री ने हालांकि घोषित नहीं किया है, फिर भी यह युद्धाभ्यास इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के विरोध में होने का दावा अन्तर्राष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों से फ्रान्स ने भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपना सहभाग बढ़ाया होकर, फ्रान्स के युद्धपोत और पनडुब्बी ने कुछ दिन पहले ही इस क्षेत्र में गश्त की थी।

जापान का ग्राऊंड सेल्फ-डिफेन्स फोर्स (जेजीएसडीएफ) यानी लष्कर, अमेरिका के मरिन्स और फ्रान्स का लष्कर अगले महीने में संयुक्त अभ्यास करने वाले हैं। जापान के नैऋत्य (साऊथ वेस्ट) ओर के आयनोरा स्थित लष्करी अड्डे पर और किरिशिमा प्रशिक्षण हड्डी पर यह युद्धाभ्यास संपन्न होगा। ११ से १७ मई के बीच यह युद्धाभ्यास होगा, ऐसी जानकारी जापान के रक्षा मंत्री नोबुआ किशी ने माध्यमों से बातचीत करते समय दी।

अब तक जापान ने अमरीका तथा भारत, ऑस्ट्रेलिया इन क्वाड सदस्य देशों के साथ युद्धाभ्यास में सहभाग लिया था। साथ ही, दक्षिण कोरिया और आसियान के साथ भी स्वतंत्र रूप में अभ्यास किया है। लेकिन पहली ही बार जापान का लष्कर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से परे होनेवाले देश के साथ अभ्यास में सहभागी होनेवाला है, ऐसा रक्षा मंत्री किशी ने कहा। जापान के लष्कर के लिए यह बड़ा अनुभव होगा, ऐसा दावा किशी ने किया।

us-japan-france-war-exerciseफ्रान्स हालांकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का देश नहीं है, फिर भी इस क्षेत्र में फ्रान्स के हितसंबंध होने की याद जापान के रक्षामंत्री ने करा दी। हिंद महासागर क्षेत्र में ‘रियुनियन’ और दक्षिण पैसिफिक क्षेत्र में ‘फ्रेंच पॉलिनेशिया’ ये फ्रान्स के दो द्वीप हैं। इन द्वीपों की सुरक्षा और सार्वभौमिकता के लिए फ्रान्स के युद्धपोत इस सागरी क्षेत्र से प्रवास करते रहते हैं। इस कारण मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक के संदर्भ में होनेवाली जापान की भूमिका से फ्रान्स भी सहमत है, ऐसा रक्षामंत्री किशी ने कहा। साथ ही, जापान की सागरी सीमा में होनेवाली द्वीपों की रक्षा के लिए आवश्यक हुनर इस अभ्यास से अपने लष्कर को मिलेगा, ऐसा दावा रक्षामंत्री किशी ने किया।

पिछले हफ्ते जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने अमरीका का दौरा किया था। इस दौरे में जापान और अमरीका ने चीन के खतरे के विरोध में एकजुट से खड़े रहने की घोषणा की थी। साथ ही, चीन अपनी लष्करी आक्रामकता के ज़ोर पर, ईस्ट और साऊथ चाइना सी के क्षेत्र में परिस्थिति में बदलने की कोशिश में होने का आरोप प्रधानमंत्री सुगा ने किया था। उसके बाद महज़ हफ्ते भर में जापान ने, अमरीका तथा फ्रान्स के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास की घोषणा करके चीन को चुनौती दी दिख रही है।

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