लीबिया के संघर्ष में तुर्की के लेजर ने चीन का ड्रोन गिराया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरत्रिपोली – पिछले कुछ महीनों से लीबिया में शुरू संघर्ष ने नया मोड लिया है| लीबियन सरकार का समर्थन कर रहे तुर्की ने चीन का ड्रोन गिराया है, ऐसा दावा एक लष्करी पत्रिका ने किया है| दस दिन पहले लीबिया के मिसुराता में यह यह ड्रोन गिराया गया| इसके साथ ही पहली बार युद्ध क्षेत्र में लेजर का इस्तेमाल होने का दावा इस पत्रिका ने किया है|

‘आर्मी रेकग्निशन’ इस लष्करी पत्रिका के लिए अलेक्झांडर तिमोखिन ने लिखे लेख में तुर्की ने लेजर गन का इस्तेमाल करने की बात कही है| अगस्त ४ के दिन मिसुराता में गश्त कर रहे बागियों का ड्रोन लीबियन सेना ने गिराया था| सेना ने यह ड्रोन गिराने के लिए रॉकेट या मिसाइल का इस्तेमाल नही किया था| बल्कि गाडी पर लगाए तुर्की ने बनाया ‘ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक गाइडन्स’ इस लेजर यंत्रणा की सहायता से यह ड्रोन गिराने का दवा तिमोखिन ने किया है| ‘संयुक्त अरब अमीराती’ (यूएई) ने लीबियन बागियों को प्रदान किया हुआ यह ड्रोन चीन ने निर्माण किए हुए ‘विंग लॉंग २’ प्रकार का था| अमरिका, रशिया और चीन ऐसे बडे देश लेजर से सज्जित होने की तैयारी में होते समय तुर्की ने लेजर का निर्माण और बिक्री करने की बात पर तिमोखिन ने ध्यान आकर्षित किया है|

तिमोखिन ने इस राख हुए ड्रोन के फोटो भी प्रसिद्ध किए है| इनमें से एक फोटो में लीबियन सैनिक ड्रोन के निकट खडा और दुसरे फोटो में ड्रोन पर लगी चीन की मुहर और मिसाइल दिखाई दे रही है| बागियों द्वारा इस्तेमाल हो रहे ड्रोन पर हुए लेजर हमले के साथ ही तुर्की की लष्करी तैयारी स्पष्ट होने की बात तिमोखिन ने कही है| साथ ही लीबिया के संघर्ष में लेजर का इस्तेमाल होने से भविष्य के युद्ध में यह यंत्रणा कितनी तादाद में विध्वंसक साबित हो सकती है, इस ओर तिमोखिन ने ध्यान आकर्षित किया है|

तुर्की या संबंधित देशों ने इस घटना पर अभी किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया दर्ज नही की है| लेकिन, पिछले कुछ वर्षों से तुर्की बडी मात्रा में हथियारों का निर्माण कर रहा है, यह बात तिमोखिन ने स्पष्ट की| इसमें रशिया ने भारत को दिए ‘विक्रमादित्य’ इस विमान वाहक युद्धपोत की तरह और एक युद्धपोत का निर्माण करने की कोशिश में तुर्की है, यह दावा भी तिमोखिन ने किया| इसके अलावा अमरिका के अतिप्रगत स्टेल्थ ‘एफ-३५’ विमान का निर्माण करने की दिशा में भी तुर्की की कोशिश हो रही है, ऐसा उन्होंने कहा है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ और तुर्की का समर्थन प्राप्त लीबिया की ‘फयझ अल सराज’ की सरकार चरमपंथियों की समर्थक है और मुस्लिम ब्रदरहूड से इस सरकार के संबंध होने का दावा किया जा रहा है| लेकिन, लीबियन सेना का बागी नेता ‘जनरल खलिफा हफ्तार’ को प्रधानमंत्री सराज की सरकार मंजूर नही है और उन्होंने पिछले कुछ महीनों से सरकार के विरोध में बडी बगावत कर रखी है| जनरल हफ्तार की इस बगावत को रशिया, संयुक्त अरब अमीराती का समर्थन होने के समाचार पहले ही सामने आ चुके थे|

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