‘लीबिया’ के मुद्दे पर फ्रान्स-तुर्की विवाद और भी बिगडा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरपैरिस/त्रिपोली/अंकारा: पिछले कुछ दिनों में तुर्की के जहाज से सीरियन कान्ट्रैक्ट सैनिक लीबिया पहुंचने की बात सामने आयी है, यह कहकर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष पर कडे आरोप रखें| मैक्रॉन के इन आरोपों पर जवाब देते समय तुर्की ने लीबिया की समस्या के लिए फ्रान्स ही जिम्मेदार होने की आलोचना की| यह आरोपप्रति आरोप होने से फ्रान्स और तुर्की के बीच लीबिया के मुद्दे पर विवाद बढने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इससे पहले कुर्दों के मुद्दे पर दो देशों में काफी तनाव बना था|

लीबिया के संघर्ष के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए जर्मनी की राजधानी बर्लिन में कुछ दिन पहले बैठक का आयोजन किया गया था| जर्मनी के साथ अमरिका, रशिया, ब्रिटेन, फ्रान्स, तुर्की एवं यूरोपिय महासंघ और संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रमुख शामिल हुए थे| लीबियन सरकार और बागियों के नेता भी इस बैठक में मौजुद थे|

इसके आगे युद्धविराम एवं शांतिवार्ता के जरिए लीबिया का गृहयुद्ध खतम करने की कोशिश होगी, यह बात इस बैठक में तय की गई थी| साथ ही गृहयुद्ध से स्थिति और ना बिगडे, इस लिए तिसरें देश या संगठन ने लीबिया के गुटों को लष्करी सहायता प्रदान ना करें, यह निर्णय इस बैठक में किया गया| पर, तुर्की ने इस निर्णय का उल्लंघन किया है, यह बयान फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने किया|

तुर्की के जहाजों के जरिए सीरियन कान्ट्रैक्ट सैनिक लीबिया में उतरने की बात पिछले कुछ दिनों में स्पष्ट हुई है| राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने बर्लिन की बैठक में लष्करी सहयोग ना करने के निर्णय को भी मंजूरी दी गई थी| पर, सीरियन कान्ट्रैक्ट सैनिकों की यह गतिविधियां एर्दोगन ने किए वादे का स्पष्ट उल्लंघन है| एर्दोगन, अपना वादा निभाने में असफल हुए है’, यह आरोप भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने किया|

मैक्रॉन के आरोप पर तुर्की ने तुरंत प्रतिक्रिया दर्ज की है| ‘वर्ष २०११ से लीबिया में बनी समस्याओं के लिए फ्रान्स ही प्रमुखता से जिम्मेदार है| फ्रान्स ने लीबिया के नैसर्गिक स्रोत पर कब्जा करने के लिए हफ्तार को समर्थन देने की बात अब छुपी नही रही है’, इन शब्दों में तुर्की के प्रवक्ता ने फ्रान्स को धमकाया है| मैक्रॉन के दावे तर्क हीन होने का दावा भी तुर्की के प्रवक्ता ने किया|

सीरियन मानव अधिकार संगठन ने प्रदान की जानकारी के अनुसार लगभग २,५०० सीरियन कान्ट्रैक्ट सैनिक त्रिपोली पहुंचे है| लीबिया में अपनी यह तैनाती नियमों के दायरे में होने का दावा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने बार बार किया है| पर, तुर्की की सेना की लीबिया में तैनाती होना इस देश की स्थिति और भी बिगाडने का कारण बनेगी, यह इशारा अमरिका ने दिया है और रशिया ने भी इसपर फटकार लगाई है|

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