तुर्की सरकार का आतंकियों को समर्थन होने का जर्मनी के मर्केल सरकार का आरोप

बर्लिन/अंकारा, दि. १७ (वृत्तसंस्था) – ‘इराक, सीरिया समेत युरोप में आतंक मचानेवाला ‘आयएस’, गाझापट्टी का ‘हमास’, इजिप्त का ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ और अरब देशों में फैले आतंकी संगठनों को, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन और सरकार का समर्थन मिल रहा है| इन आतंकी संगठनों के लिए तुर्की यह मध्यवर्ती केंद्र साबित हो रहा है’ ऐसा आरोप जर्मन चॅन्सेलर अँजेला मर्केल के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने किया| तुर्की ने यह आरोप ठुकरा दिये हैं|

मर्केलजर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने एक रिपोर्ट तैयार किया है, जिसमें तुर्की द्वारा आतंकवादी संगठनों को मिल रहे सहयोग की आलोचना की गयी है| यह रिपोर्ट जर्मनी की एक समाचारवाहिनी के हाथ लग गया होकर, उसमें से कुछ हिस्सा प्रकाशित किया गया है| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन और उनकी ‘एकेपी’ पार्टी पर, आतंकवादी संगठनों का समर्थक होने का आरोप किया गया है| ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ की चरमपंथी विचारधाराओं से जुड़े, सीरिया के आतंकवादी गुटों को तुर्की सहायता कर रहा है, ऐसा आरोप इस रिपोर्ट में किया गया है|

यह कोई पहली बार नहीं है कि तुर्की आतंकवादियों की सहायता कर रहा है। बल्कि आतंकी संगठनों को समर्थन देकर उन्हें पैसों की आपूर्ति करना यह तुर्की की नीति रह चुकी है| सन २०११ से तुर्की आतंकवादियों का समर्थन कर रहा होने के कारण, आखाती देशों के आतंकी संगठनों के लिए तुर्की ‘सेंट्रल प्लॅटफॉर्म’ साबित हो रहा है, ऐसा जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा है|
इस रिपोर्ट में मर्केल सरकार ने भले ही तुर्की पर इल्ज़ाम लगाया हो, लेकिन इस रिपोर्ट पर ज़ाहिर टिप्पणी करना टाल दिया है| वहीं, जर्मनी की वाम विचारों की ‘दे लिंके’ इस पार्टी ने मर्केल सरकार की इस भूमिका की आलोचना की है|

मर्केल सरकार द्वारा तैयार किया गया यह रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित होने के बाद तुर्की ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी| जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने किये ये आरोप तुर्की ने ठुकरा दिये हैं| जर्मनी के इस रिपोर्ट में से उनकी बदली हुई मानसिकता दिखाई दे रही है, ऐसी आलोचना तुर्की के विदेश मंत्रालय ने की है| जर्मनी की सरकार तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन को निशाना बना रही है, ऐसा इल्ज़ाम तुर्की के विदेश मंत्रालय ने लगाया|

इससे पहले ही तुर्की और जर्मनी के संबंध तनावपूर्ण बने हैं| पिछले महीने तुर्की की सेना के एक गुट द्वारा विद्रोह की असफल कोशिश की गई थी| उसके बाद एर्दोगन सरकार ने विद्रोही और उनके समर्थकों पर कार्रवाई शुरू की दी| साथ ही, विद्रोहियों को फ़ाँसी की सज़ा दे सकने के लिए क़ानून में बदलाव लाने की चेतावनी भी एर्दोगन ने दी थी| जर्मनी ने इस बात की कड़ी आलोचना करते हुए, ‘यदि तुर्की ने ऐसा किया, तो उसे यूरोपीय महासंघ में शामिल नहीं किया जाएगा’ ऐसा धमकाया था| वहीं, जर्मनी की इस भूमिका की तुर्की ने निंदा की थी|

कुछ हफ़्ते पहले एर्दोगन सरकार ने, तुर्की में हुए आतंकवादी हमलों के लिए जर्मनी को ज़िम्मेदार ठहराया था| तुर्की में आतंकी हमले करवानेवालों पर यही हमलावर भारी पड़ेंगे, ऐसी चेतावनी एर्दोगन ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर, जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय का यह रिपोर्ट दोनों देशों के बीच की दरार अधिक ही बढ़ानेवाला है| जर्मन सरकार ने ही, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष को परेशानी में डालने के लिए जानबूझकर इस रिपोर्ट का हिस्सा प्रकाशित किया होगा, ऐसे संकेत तुर्की द्वारा किये जानेवाले आरोपों से मिल रहे हैं|

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