तुर्की सिरिया में जल्द ही हमले करेगा – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष का इशारा

इस्तांबुल: ‘सिरिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर नियंत्रण नहीं रहा। इस लिए परिस्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए जल्द ही तुर्की की सेना सिरिया में हमले करेगी’, ऐसा इशारा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने दिया है। साथ ही अमरीका की सिरिया में चल रही ‘आईएस’ विरोधी मुहीम पर भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने टीका की है।

तुर्की ने सिरिया की उत्तरी सीमा के पास लश्करी जुटाव शुरू किया है। पिछले हफ्ते तुर्की सेना के टैंक, होवित्ज़र्स तोपें और वाहन दक्षिण के ‘किलिस’ प्रान्त की सीमा के पास दाखिल हुए हैं और तुर्की ने सिरिया की सीमा के पास की हुई अब तक की यह सबसे बड़ी लश्करी तैनाती मानी जा रही है। इस तैनाती की पृष्ठभूमि पर, ‘मलात्या’ प्रान्त में आयोजित एक सार्वजानिक कार्यक्रम द्वारा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने सिरिया की नई लश्करी मुहीम की जानकारी दी।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्षइराक और सिरिया में स्थैर्य प्रस्थापित करने के लिए चल रही कोशिशों की वजह से तुर्की की आजादी खतरे में आ सकती है। लेकिन अपनी इस आजादी की रक्षा के लिए तुर्की हर कीमत चुकाने को तैयार है। इसके लिए तुर्की जल्द ही नए और महत्वपूर्ण निर्णय लेगी’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने स्पष्ट किया है। इसी के साथ “पिछले साल ‘युफ्रेट्स शील्ड ऑपरेशन’ यह सेना की मुहीम छेड़ के आतंकवादियों के सीने में घुसाया हुआ खंजर और गहराई तक घुसाने का निश्चय तुर्की ने किया है”, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने दिया।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने सिरिया के ‘कुर्द’ आतंकवादी संगठन के खिलाफ युद्ध छेड़ने का इशारा दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। पिछले साल अगस्त माह में तुर्की ने सिरिया में पहली बार सेना, टैंक और लड़ाकू हवाई जहाज रवाना किए थे। तुर्की ने सिरिया के ‘आयएस’ साथ ही ‘कुर्द’ आतंकवादियों के खिलाफ ‘युफ्रेट्स शील्ड’ यह लश्करी मुहीम छेडी थी। इस लश्करी मुहीम के तहत तुर्की ने सिरिया की कुर्द संगठन के खिलाफ जोरदार हमले किए थे। अपनी कुर्द गुट के खिलाफ लश्करी मुहीम सफल हुई है कहकर मार्च महीने में तुर्की ने यह ऑपरेशन बंद किया था। लेकिन फिर एक बार तुर्की ने सिरिया के कुर्दों के खिलाफ मुहीम शुरू करने की घोषणा की है, जिससे अमरीका और तुर्की के संबंधों में तनाव निर्माण होने की संभावना जताई जा रही है।

सिरिया के आतंकवाद विरोधी संघर्ष में अमरीका ने ‘पिपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स’ (वाईपीजी) इस कुर्द संगठन की सहायता ली है। ‘वाईपीजी’ यह तुर्की की ‘कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी’ (पीकेके) इस कुर्द संगठन की शाखा के नाम से जानी जाती है। इसमें से पीकेके को तुर्की ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। तुर्की के एर्दोगन सरकार विरोधी आतंकवादी कार्रवाई में ‘पीकेके’ के आतंकवादी शामिल होने की बात सामने आई थी।

इस पृष्ठभूमि पर, ‘पीकेके’ की तरह सिरिया की ‘वाईपीजी’ यह भी आतंकवादी संगठन होने का आरोप तुर्की ने किया है। जिसके कारण अमरीका सिरिया के संघर्ष में कुर्द आतंकवादी सगठनों की सहायता न लें’, ऐसी माँग तुर्की कर रहा है। लेकिन सिरिया के ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष में ‘वाईपीजी’ की बड़ी सहायता मिल रही है ऐसा कहकर अमरीका इस सहकार्य पर दृढ है। इस वजह से अमरीका और तुर्की में मतभेद बढ़ गए हैं।

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