जर्मनी में आ चुके निर्वासितों में से छ: हज़ार से भी अधिक बच्चें लापता

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जर्मनी में दाख़िल हुए निर्वासितों के छ: हज़ार से भी अधिक बच्चें लापता हुए होने की खलबलीजनक जानकारी सामने आयी है । इन बच्चों में, १४ साल से कम उम्रवाले सैंकड़ों बच्चों का समावेश होने की जानकारी जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा विभाग ने दी है । बच्चों के लापता होने की इस ख़बर की पार्श्वभूमि पर, कट्टरपंथीय संगठन एवं गुनाहगार टोलियाँ निर्वासितों को लक्ष्य बना रहीं होने की गंभीर चेतावनी जर्मनी के गुप्तचर विभाग ने दी है । इस जानकारी से यह फिर एक बार स्पष्ट हुआ है कि निर्वासितों की समस्या पर नियंत्रण रखने में जर्मन सरकार असफल हो रही है ।

जर्मनी में पिछले साल भर में १० लाख से भी अधिक निर्वासित दाख़िल हुए, ऐसा दर्ज़ किया गया है । इनमें से तक़रीबन पाँच लाख निर्वासितों ने अपनी जानकारी, संबंधित यंत्रणाओं को नहीं दी थी, यह ख़बर हाल ही में सामने आयी थी । जर्मन यंत्रणाओं को जानकारी देने में टालमटोल करनेवालों में सिरिया, इराक़, अफ़गानिस्तान तथा बाल्कन देशों में से आए निर्वासितों का समावेश है । इस बात को लेकर जर्मनी की चॅन्सेलर अँजेला मर्केल तथा उनकी सरकार की कड़ी आलोचना की ही जा रही थी कि तभी यह लापता बच्चों का मसला अब सामने आया है ।

जर्मनी के अंतर्गत सुरक्षा विभाग ने दी हुई जानकारी के अनुसार, जर्मनी में आये हुए निर्वासितों में से आठ हज़ार से भी अधिक बच्चें  लापता हुए होने की शिक़ायतें दर्ज़ की गयी थीं। उनमें से केवल दो हज़ार बच्चों का अतापता मालूम हुआ होकर, उर्वरित छ: हज़ार बच्चें अभी तक लापता होने की बात सामने आयी है। इन बच्चों में १४ साल से कम उम्रवाले सैंकड़ों बच्चों का समावेश होने की जानकारी भी अंतर्गत सुरक्षाविभाग की आँकड़ेवारी से स्पष्ट हुई है।

लापता हो चुके बच्चों में सिरिया, अफ़गानिस्तान, अल्जिरिया, इरिट्रिया एवं मोरोक्को इन देशों से आये बच्चों का समावेश है। जर्मनी की ‘ग्रीन पार्टी’ इस पार्टी की नेता लुईस ऍम्ट्सबर्ग ने इस मसले को लेकर सरकार की आलोचना शुरू की होकर, जर्मन यंत्रणाओं ने इस मुद्दे पर पर्याप्त गंभीरता से ग़ौर न किया होने का आरोप किया है। जर्मनी की संसद में भी यह मुद्दा उपस्थित किया गया होकर, छानबीन शुरू हो चुकी है, ऐसी ख़बर सामने आयी है।

अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय द्वारा ज़ाहिर की गयी इस आँकड़ेवारी से खलबली मची ही थी कि तभी जर्मनी के गुप्तचर विभाग ने यह चेतावनी दी है कि आतंकवादी संगठन तथा गुनाहगार टोलियाँ निर्वासितों के छोटे बच्चों को लक्ष्य बना रही हैं। ‘आतंकवादी संगठन तथा कट्टरपंथी विचारधारा के गुट भर्ती के लिए निर्वासितों को लक्ष्य बना रहे हैं। अब तक ३०० से भी अधिक ऐसे केसीस् दर्ज़ किये गये हैं, यह यक़ीनन ही चिंता की बात है’, ऐसी चेतावनी गुप्तचरविभाग के प्रमुख ने दी।

‘आतंकवादी संगठनों के सदस्य भर्ती हेतु मज़बूत, सुगठित कदवाले बच्चों की तलाश में हैं। इन बच्चों का इस्तेमाल वे नशीले पदार्थों का व्यापार, ड़कैतियाँ तथा हमलों के लिए भी कर सकते हैं’, ऐसा भी इस चेतावनी में कहा गया है। जर्मनी की ‘चाईल्ड प्रोटेक्शन एजन्सी’ के प्रमुख ने ‘निर्वासितों के छोटे बच्चें भी गुनाहगार टोलियों के लक्ष्य बन सकते हैं’ ऐसा डर ज़ाहिर किया है। इस जानकारी के कारण, युरोपीय देशों में आ धमकनेवाले निर्वासितों के रेलों पर किसी का भी नियंत्रण न होने की बात सामने आयी होकर, युरोपीय देशों की सुरक्षा का प्रश्न सर्वोच्च प्राथमिकता पर आया है।

इसी दौरान, सिरिया से जर्मनी में दाख़िल हुए निर्वासितों में, सिरियन युद्ध में सहभागी हो चुके कुछ युद्ध-गुनाहगारों का भी समावेश होने की जानकारी ‘जर्मन क्रिमिनल पुलीस’ ने दी है। जर्मनी में इस प्रकार के २५-३० केसीस् दर्ज़ हुए हैं, ऐसा इस जानकारी में बताया गया है।

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