रशिया विरोधि संघर्ष में तुर्की युक्रैन को एस-४०० दे अमेरिका की सूचना

russia-turkey-urkraine-s-400-1वॉशिंग्टन – रशिया के युक्रैन पर हवाई हमले रोकने के लिए तुर्की युक्रैन को एस-४०० हवाई सुरक्षा प्रणाली प्रदान करे, ऐसी सूचना बायडेन प्रशासन ने तुर्की को दी। अंतरराष्ट्रीय समाचार ब्यूरो ने अमेरिका तथा तुर्की के तीन सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। अमेरिका के विदेश विभाग के उपमंत्री वेंडी शर्मन ने तुर्की के दौरे के दौरान यह मुद्दा उपस्थित किया था। यह समाचार प्रसिद्ध होने के बाद तुर्की ने इसके बारे में प्रतिक्रिया नहीं दी है।

पिछले महीने वेंडी शर्मन ने तुर्की का विशेष दौरा किया था। इसमें अमेरिका के विदेश विभाग के उपमंत्री ने तुर्की के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ सदस्य से मुलाकात की। इस चर्चा में शर्मन ने तुर्की के समक्ष युक्रैन को लश्करी सहायता देने का प्रस्ताव रखा। आनेवाले समय दौर में रशिया यदि युक्रैन पर हमला करे तो युक्रैन की सुरक्षा के लिए तुर्की अपने एस-४०० हवाई सुरक्षा प्रणाली प्रदान करे, ऐसा शर्मन ने सुझाया था। 

russia-turkey-urkraine-s-400-2अमेरिका के लश्करी विश्लेषक भी तुर्की को ठीक यही बात सुझा रहे हैं। सन २०१९ में तुर्की ने अमेरिका एवं नाटो की नाराजगी सहकर रशिया से एस-४०० खरीदे। इसके लिए तुर्की ने अमेरिका से मिलने वाले एफ-३५ इस अतिप्रगत लड़ाकू विमान खरीदने से मूंह मोडा था। तुर्की को यदि यह विमान चाहिएं तो राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की सरकार युक्रैन को एस-४०० दे, ऐसा अमेरिका के विश्लेषक सुझा रहे हैं।

रशिया से शस्त्र खरीदने वाले देश इस युद्ध में युक्रैन को उक्त शस्त्रों के भंड़ार दें, ऐसा आवाहन बायडेन प्रशासन कर रहा है। प्रमुखरूप से एस-३०० एवं एस-४०० हवाई सुरक्षा प्रणाली रशिया विरोधि युद्ध में युक्रैन की सेना के लिए सहायक होंगे, ऐसा बायडेन प्रशासन का कहना है। इसकेनुसार पोलंड ने अपने हवाईदल में से मिग लड़कू विमान युक्रैन को देने की घोषणा की थी। मगर इसके बदले में अमेरिका हमें एफ-३५ अतिप्रगत लडाकू विमान प्रदान करे, यह मांग पोलंड ने की थी। बायडेन प्रशासन ने पोलंड की यह मांग नामंजूर कर दी थी।

तो, अंतरराष्ट्रीय समाचार ब्यूरो ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। मगर इस पर तुर्की ने वास्तव में क्या रुख अपनाया, यह इस ब्यूरो ने स्पष्ट नहीं किया है। नाटो के सदस्य देश के रूप में अमेरिका की यह सूचना मानना तुर्की के लिए अनिवार्य है। मगर युक्रैन को एस-४०० अथवा किसी भी स्वरूप की लश्करी सहायता देने से इसका सीधा परिणाम तुर्की और रशिया के संबंधों पर पड़ सकता है, इस बात पर समाचार ब्यूरो के ध्यान आकर्षित किया। 

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