सायबर हमलों के माध्यम से चीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है – रक्षा संबंधित सूत्र का इशारा

लंदन – ब्रिटेन की शासक ‘कन्ज़र्वेटिव पार्टी में प्रधानमंत्री पद के लिए नए नेता चुनने की प्रक्रिया जारी है। इस प्रक्रिया में चीन सायबर हमलों द्वारा हस्तक्षेप कर सकता है, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के रक्षा संबंधित सूत्र ने दी। साल 2016 में हुए ‘ब्रेक्ज़िट’ के चुनाव के दौरान रशिया ने सायबर क्षेत्र के ज़रिये प्रभाव बनाने की कोशिश की थी। यही चीन दोहरा सकता हैं, ऐसी चेतावनी सूत्र ने दी हैं।

ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने पद से इस्तीफा दिया है और वे नए नेता का चुनाव होने तक अस्थायी प्रधानमंत्री के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद शासक ‘कन्ज़र्वेटिव पार्टी’ में नए प्रधानमंत्री का चयन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। आखरी चरण में विदेशमंत्री लिज़ ट्रुस और रिषी सुनाक में मुकाबला होगा। इन चुनावों की प्रक्रिया में ‘ऑनलाईन वोटिंग’ का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रचार के लिए भी दोनों उम्मीदवारों ने इंटरनेट पर जोर दिया हुआ दिख रहा है।

इस पर ध्यान आकर्षित करके ब्रिटेन के रक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने ऐसी चेतावनी दी है कि, इस दौरान चीन हस्तक्षेप कर सकता है। अंतिम चरण में दोनों उम्मीदवार नेताओं ने ऐसे संकेत दिए कि, चीन के खिलाफ अपनी भूमिका आक्रामक रहेगी। लेकिन रिषी सुनाक ने व्यापार के मुद्दे पर चीन से अच्छे ताल्लुकात रखने के संकेत दिए हैं। चीन के माध्यमों ने इसका संज्ञान लेने का भी वृत्त प्रसिद्ध हुआ है। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र चीन सुनाक की जीत की कोशिश कर सकता है, ऐसा माना जा रहा है।

कुछ दिन पहले ब्रिटेन की राजधानी लंदन में अमरीका और ब्रिटेन के रक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणाओं के प्रमुख की वार्तापरिएषद हुई थी। इस दौरान ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई-5′ के प्रमुख ने चीन की बढ़ती हरकतों का ज़िक्र किया था। चीन विभिन्न माध्यमों से ब्रिटेन में भारी मात्रा में जासूसी कर रहा है और ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसी चेतावनी ‘एमआई-5′ के प्रमुख ने दी थी।

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