तालिबान ने ९३५ बंदियों को रिहा किया

काबुल – अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफ़गानिस्तान की अपनी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करे, इस मंशा से तालिबान बड़ी कोशिशें कर रहा है। इसी के हिस्से के तौर पर तालिबान ने ९३५ बंदियों को माफ करके उन्हें रिहा किया है। इस्लामधर्मियों के पावन त्यौहार के अवसर पर तालिबान ने यह निर्णय करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, तालिबान के इस निर्णय से पाकिस्तानी नेता, सुरक्षा यंत्रणा एवं माध्यम चौंक गए हैं।

९३५ बंदियों को रिहातालिबान का सर्वोच्च नेता हैबतुल्ला अखुंदझदा पिछले कुछ दिनों में अफ़गानिस्तान की हुकूमत में काफी कार्यक्षम रहा है। राजधानी काबुल में पिछले हफ्ते आयोजित धार्मिक नेताओं की बैठक में भी अखुंदझदा शामिल था। इस बैठक के अवसर पर अखुंदझदा ने अंतररराष्ट्रीय समुदाय से तालिबानी हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने की गुहार लगायी। साथ ही अमरीका अफ़गानियों की निधि रिहा करे, यह माँग भी उसने रखी। इसी दौरान दो दिन पहले अखुंदझदा ने ९३५ बंदियों के रिहाई के आदेश जारी किए।

अफ़गानिस्तान के लगभग ३४ प्रांतों के जेलों से इन बंदियों को रिहा किया गया है। इनमें राजधानी काबुल समेत कंदहार, हेल्मंड, खोस्त प्रांत के बंदियों का भी समावेश है। कंदहार के कारागृह से ४०० से अधिक की रिहाई हुई है। इनमें से ४५ लोग बड़े गंभीर अपराधि हैं, ऐसा कंदहार बन्दीगृह के कमांडर का कहना है। इसी बीच नशीले पदार्थों का सेवन करने के अपराध में गिरफ्तार किए गए १४० लोगों को भी रिहा किया गया है।

९३५ बंदियों को रिहाअफ़गानिस्तान की सरकार हर वर्ष सैंकड़ों बंदियों की सज़ा माफ करती है। लेकिन, इस साल तालिबानी हुकूमत ने यह निर्णय किया है। अफ़गानिस्तान के पड़ोसी पाकिस्तान से तालिबान के इस निर्णय को लेकर तीव्र चिंता जताई जा रही है। कंदहार के जेल से रिहा हुए कैदियों में ७८ बलोच विद्रोही और उनके वरिष्ठ कमांडर होने का दावा पाकिस्तानी यंत्रणा कर रही है। इन बलोच विद्रोहियों को रिहा करके तालिबान ने पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणाओं की चिंता बढ़ाई है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं।

पाकिस्तान की स्थापना के दौर से ही बलोचिस्तान का विवाद जारी है। पाकिस्तान ने हमारे क्षेत्र पर अवैध कब्ज़ा किया है, यह आरोप बलोच नेता, विद्रोही और वहां की जनता लगा रही है। बलोच नेता और विद्रोही आज़ाद बलोचिस्तान की माँग कर रहे हैं। इनमें से बलोच विद्रोहियों से संगठनों ने पाकिस्तानी सेना और चीनी कर्मचारियों पर हमले करके संघर्ष शुरू किया है। ऐसे बलोच विद्रोहियों को रिहा करके तालिबान ने पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा को चुनौती दी है, यह आरोप पाकिस्तान के कुछ पत्रकार लगा रहे हैं।

पिछले साल भी तालिबान ने काबुल में हुकूमत स्थापित करने के बाद काबुल और बागराम हवाई अड्डों पर स्थित अपने सहयोगी बंदियों को रिहा किया था। इनमें ‘तेहरिक ए तालिबान’ के आतंकियों का समावेश था। यही आतंकी पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान में हिंसा फैला रहे हैं, ऐसा दावा पाकिस्तानी पत्रकार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में बलोच विद्रोहियों की रिहाई से पाकिस्तान चिंता व्यक्त कर रहा है।

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