ईरान और चीन के बीच कटूता बढ़ी – ईरानी अखबार ने किया ताइवान की आज़ादी का समर्थन

तेहरान/ताइपे – ‘चीन ने हमेशा से ही ताइवानी जनता के अधिकार ठुकराए हैं। आज़ादी ताइवान का कानून हक है और उनकी इस मांग को स्वीकार ने के अलावा चीन के सामने अन्य कोई भी विकल्प नहीं हैं’, ऐसी तीखीं आलोचना की खबर ईरान के अखबार ने प्रसिद्ध की है। ईरान में चीन विरोधी बढ़ रहा गुस्सा इस खबर से व्यक्त हो रहा हैं। कुछ दिन पहले ही ईरान ने चीन के राजदूत को समन थमाया था।

ईरान और चीनचीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग खाड़ी दौरे के बीच में पर्शियन समुद्र में स्थित ईरान के द्विपों का मुद्दा उठाकर यूएई के पक्ष में खड़े होते देखे गए थे। इस समुद्री क्षेत्र के ग्रेटर तूंब, लेसर तूंब और अबू मुसा इन तीन द्विपों पर ईरान अपना अधिकार जता रहा हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने यूएई की भूमिका का समर्थन करके इन द्वीपों के मुद्दे पर बातचीत शुरू करें, यह मांग रखी थी। इससे आगबबूला हुए ईरान ने सीधे चीन के राजदूत को समन थमाया था। इससे ईरान और चीन की मित्रता में तनाव निर्माण होने की बात कही जा रही थी।

इस घटना के लगभग एक हफ्ते बाद ईरान के ‘अरमान’ नामक अखबार ने ताइवान का मुद्दा उठाकर चीन को उकसाया है। चीन दावा कर रहा हो, फिर भी ताइवान की जनता चीन के खिलाफ हैं, यह कहकर ईरान के अखबार ने कुछ सर्वों के आंकड़े जारी किए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान को स्वीकृति या स्वतंत्र प्रतिनिधित्व प्राप्त ना हो, इसके लिए चीन ने की हुई गतिविधियों की जानकारी भी इस अखबार ने प्रसिद्ध की हैं। ईरान के अखबार की यह खबर चीन विरोधी गुस्सा जता रही है।

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