हक्कानी नेटवर्क ने जवाहिरी को पनाह दी – अमरीका के विदेश मंत्रालय का आरोप

वॉशिंग्टन – ‘तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के वरिष्ठ नेताओं ने अल कायदा का सरगना अयमन अल-जवाहिरी को काबुल में पनाह दी। इससे यह बात स्पष्ट होती है कि हक्कानी नेटवर्क और अलकायदा के बीच ताल्लुकात थे’, ऐसा आरोप अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने किया। जवाहिरी के काबुल में मारे जाने से तालिबान और अलकायदा के बीच का सहयोग सामने आया है और तालिबान ने अमरीका के साथ किए समझौते का उल्लंघन किया है, ऐसा दोषारोपण अमरीका ने किया। इसलिए अमरीका ने फ्रीझ की हुई अफगानिस्तान की अरबों डॉलर की निधि वापस मिलनेवाली नहीं है, ऐसा कारण प्राईस ने दिया है।

जवाहिरीलगभग तीन हफ्ते पहले अमरीका ने काबुल में किए ड्रोन हमले में अलकायदा का सरगना जवाहिरी मारा गया था। उसके बाद तालिबान ने अमरीका पर, दोहा समझौते का उल्लंघन करने का आरोप किया था। लेकिन तालिबान के प्रभावशाली हक्कानी नेटवर्क के कब्ज़े में होने वाली इमारत में जवाहिरी को रखा था और इसी इमारत पर हमला करने की घोषणा अमरीका ने की थी। हक्कानी नेटवर्क ने अमरीका के इन दावों को ठुकराकर, जवाहिरी के बारे में हमें कुछ भी पता नहीं है, ऐसा दावा किया था।

लेकिन दो दिन पहले अमरीका के विदेश मंत्रालय ने जवाहिरी पर की हुई कार्रवाई की जानकारी देते समय, हक्कानी नेटवर्क ने ही अलकायदा के सरगना को पनाह दी थी, यह बात फिर से दोहराई। ‘हक्कानी तालिबान नेटवर्क के वरिष्ठ अधिकारियों ने जवाहिरी को काबुल में पनाह दी थी और जानबूझकर इस जानकारी को छुपा कर रखा था’, ऐसा दोषारोपण अमेरिकन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने किया। जवाहिरी को पनाह देकर हक्कानी तालिबान नेटवर्क ने दोहा समझौते का उल्लंघन किया होने की बात प्राईस ने कही।

जवाहिरीपिछले साल कतर की राजधानी दोहा में हुए समझौते के अनुसार, अफगानिस्तान में हुकूमत स्थापित करनेवाले तालिबानी, अल कायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ किसी भी प्रकार के ताल्लुकात ना रखें, ऐसा तय हुआ था। लेकिन जवाहिरी के काबुल में पाए जाने से तालिबान ने दोहा समझौता पैरों तले कुचल दिया होने का आरोप अमरीका कर रही है। यही कारण डेकर, प्राईस ने, पिछले साल भर अफगानिस्तान की फ्रीझ की हुई साढ़े नौ अरब डॉलर की निधि खुली करने से इन्कार किया। साथ ही, तालिबान की हुकूमत को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता ना मिलें इसका प्रावधान भी बायडेन प्रशासन ने किया होने के दावे अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच, जवाहिरी के पते पते की जानकारी पाकिस्तान ने ही अमरीका को दी। साथ ही, पाकिस्तान के लष्करप्रमुख जनरल बाजवा ने अमरीका को ड्रोन हमले के लिए हवाई सीमा खुली करा देने के दावे किए जाते हैं। जवाहिरी पर की हुई कार्रवाई के जरिए जनरल बाजवा यह कोशिश कर रहे हैं कि अमरीका के साथ बने तनावपूर्ण संबंध सुधरे। लेकिन इससे तालिबान में पाकिस्तान विरोधी शत्रुता अधिक ही बढ़ी होकर, जवाहिरी पर हुए ड्रोन हमले की गूंजे पाकिस्तान में सुनाई दे सकतीं हैं, ऐसी चेतावनी पाकिस्तानी पत्रकार दे रहे हैं। अब तक पाकिस्तान की सेना से जुड़ा हक्कानी नेटवर्क यह गुट भी पाकिस्तान के खिलाफ जा सकता है, ऐसा डर ये पत्रकार जता रहे हैं।

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