अमरीका के साथ किए गए समझौते का तालिबान उल्लंघन कर रही है – अफ़गान सेनाप्रमुख जनरल झिया

काबुल – अमरीका के साथ किए गए समझौते का तालिबान पालन नहीं कर रही है और तालिबान ने अल कायदा के साथ अभी संबंध भी तोड़े नहीं है। तालिबान के अल कायदा समेत अन्य आतंकी संगठनों से संबंध जारी होने का दावा अफ़गानिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल यासिन ज़िया ने किया है। अफ़गानिस्तान के सुरक्षा बलों ने फराह प्रांत में हाल में की कार्रवाई में अल कायदा के आतंकी मारे गए थे। साथ ही दो सप्ताह पहले तालिबानी आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में अल कायदा का दूसरे क्रमांक का नेता अल मिसरी मारा गया था। इस पृष्ठभूमि पर सेनाप्रमुख जनरल यासिन ज़िया ने तालिबान शांति समझौते की शर्तों का पालन नहीं कर रही है, यह आरोप करके अमरीका को तालिबान ने किए विश्‍वासघात का अहसास दिलाया है।

Taliban-general-ziaबीते कुछ दिनों में अफ़गानिस्तान में तालिबान के वर्चस्ववाले फराह प्रांत में अफ़गान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अल कायदा के कई आतंकी मार गिराए जाने की जानकारी अफ़गान सेनाप्रमुख जनरल यासिन ज़िया ने साझा की। यह अल कायदा और तालिबान के अफ़गानिस्तान में संबंध जारी होने का सबूत है, यह बयान ज़िया ने किया है। अफ़गानिस्तान के फराह प्रांत पर तालिबान का वर्चस्व था। बीते कुछ महीनों से इस प्रांत में तालिबान के हमले बढ़ रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर अफ़गान सुरक्षा बल ने तालिबान के विरोध में आक्रामक कार्रवाई शुरू की है।

तालिबान ने अल कायदा के साथ पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संबंध रखकर अमरीका के साथ किए शांति समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप अफ़गान सेनाप्रमुख ने रखा है। फ़रवरी महीने मं तालिबान ने अमरीका के साथ शांति समझौता किया था। इसके बाद अमरीका ने अफ़गानिस्तान से अपनी पूरी सेना हटाने का निर्णय किया था। इस समझौते के अनुसार तालिबान के सामने सभी आतंकी संगठनों के साथ संबंध तोड़ने की शर्त रखी गई थी। लेकिन, ऐसा होते हुए नहीं दिख रहा है और तालिबान इस समझौते का पालन नहीं कर रही है, ऐसा अफ़गानिस्तान का कहना है। साथ ही तालिबान-अफ़गानिस्तान के शांति समझौते के लिए भी इसी कारण देरी हो रही है, यह दावे किए जा रहे हैं।

Taliban-general-ziaअमरिकी सेना के पीछे हटने के बाद अफ़गानिस्तान दुबारा तालिबान के हाथों में गिरेगा, यह ड़र भी कुछ विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही अमरीका के साथ तालिबान ने किए समझौते की पृष्ठभूमि पर अल कायदा फिलहाल शांत होने के दावे किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी अफ़गानिस्तान में अमरीका की मौजुदगी आवश्‍यक बताई थी। इस पृष्ठभूमि पर अफ़गानिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल यासिन ज़िया ने रखे आरोपों की अहमियत बढ़ रही है।

इसी बीच, तालिबान ने यह आरोप ठुकराए हैं और मौजूदा स्थिति में अफ़गानिस्तान में अल कायदा सक्रिय नहीं है, यह बयान तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने किया है। अल कायदा या किसी भी अन्य आतंकी संगठन को तालिबान अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल करने नहीं देगी, यह बयान इस प्रवक्ता ने किया है। लेकिन, अफ़गानिस्तान में अल कायदा समेत पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकी संगठन भी कार्यरत होने की बात संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने अपने रपट में दर्ज़ की थी। अफ़गानिस्तान में लगभग छह से साढ़ेछह हज़ार पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं, यह बात भी संयुक्त राष्ट्रसंघ ने स्पष्ट की थी। इन आतंकियों का अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए खतरा बनता है, यह इशारा भी इस रपट में दिया गया था।

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