रशिया-यूक्रेन संघर्ष के भविष्य को लेकर चीन के सत्तारुढ़ दायरे में बढ़ी बेचैनी

बीजिंग/मास्को – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन प्रतिद्वंद्वियों के दावे लगत साबित होने की गवाही दे रही हैं और इसी बीच रशिया के मित्रदेश चीन में बेचैनी बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का ज़िक्र ‘क्रेज़ी’ के तौर पर करके यूक्रेन संघर्ष में रशिया नामक होगी, ऐसा ड़र चीनी अधिकारियों ने व्यक्त किया है। चीन रशिया का ज्यादातर अनुसरण ना करें, ऐसी चेतावनी भी कुछ अधिकारियों ने साझा करने का वृत्त पश्चिमी माध्यमों ने प्रसिद्ध किया है।

संघर्ष‘यूक्रेन पर हमला करने का निर्णय रशियन शासन के चुनिंदा लोगों के गुट ने किया था। इस मुद्दे पर चीन ने रशिया का समर्थन करने की ज़रूरत नहीं हैं’, ऐसा इशारा चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिया है। चीन ने विदेश नीति में बदलाव करने की गतिविधियां शुरू करने के कुछ विश्लेषकों ने दिए हैं। आनेवाले दिनों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग स्वयं को पुतिन और यूक्रेन युद्ध से दूर करने की कोशिश करेंगे, यह भी कहा जा रहा है।

संघर्षब्रिटेन के ‘द फायनान्शिअल टाइम्स’ ने वृत्त प्रसिद्ध किया है। चीन के सत्तारुढ़ दायरे के वरिष्ठ अधिकारी के दाखिले से यह वृत्त प्रसिद्ध करने का बयान ब्रिटीश अखबार ने किया है। रशिया का यूक्रेन असफल साबित होगा और रशिया का वैश्विक स्तर पर प्रभाव कम होने से इसका स्थान महज ‘मायनर पॉवर’ जितना ही रहेगा, ऐसा दावा कुछ चिनी अधिकारियों ने किया। इसके रशिया के ताल्लुकात मद्देनज़र चीन सीमित रखे, ऐसी सलाह भी दी गई हैं।

रशिया और चीन के राष्ट्राध्यक्ष की पिछले महीने में ही फोनपर लंबी चर्चा हुई थी। इस दौरान दोनों राष्ट्रप्रमुखों ने दोनों देशों को संबंधों को नई उचाई प्रदान करने की गवाही भी दी थी। पुतिन ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग को साल २०२३ में मास्को आने का न्यौता देने के दावे भी किए गए थे। द्विपक्षीय व्यापार और अन्य आर्थिक स्तरों पर रशिया और चीन का सहयोग अधिक से अधिक मज़बूत होने के दावे भी दोनों देशों के सरकारी माध्यमों ने किए थे। अमरीका के कुछ पूर्व अधिकारी एवं विशेषज्ञों ने यह इशारे भी दिए थे कि, रशिया चीन के अधिक करीब जा रही हैं।

इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के अखबार ने जारी किया वृत्त ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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