ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हुए हमले और अलगाववादियों की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं करेंगे – प्रधानमंत्री की कड़ी चेतावनी

ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हुए हमले हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसी कड़ी चेतावनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज के साथ आयोजित संतुक्त वार्तापरिषद के दौरान दी। साथ ही अलगाववादी खलिस्तान की गतिविधियां भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री अल्बानीज ने इन हरकतों के विरोध में सख्त कार्रवाई की है, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने अल्बानीज के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही आगे के समय में भी मंदिरों पर हुए हमले और अलगाववादियों की गतिविधियों से जुड़े लोगों पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन प्रधानमंत्री अल्बानीज ने हमें दिया है, ऐसा मोदी ने कहा। 

मंदिरों पर हुए हमलेजनवरी एवं मार्च महीने में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के दो मंदिरों के साथ विक्टोरिया के एक मंदिर पर भी हमले हुए थे। ऑस्ट्रेलिया में मौजूद खलिस्तानियों ने सार्वमत करने की तैयारी भी रखी थी। हमें भारत रोक नहीं सकता, ऐसे दावे इन अलगाववादियों ने किए थे। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। भारत इन मुद्दों को बड़ी संवेदना से देख रहा हैं, यह स्पष्ट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में खलिस्तानियों से संबंधित सार्वमत रद्द किया गया। 

मंदिरों पर हुए हमलेबुधवार को अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे की समाप्ती करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ आयोजित संयुक्त वार्तापरिषद में यह मुद्दा फिर से उठाया। ऐसे हमले करने वाले अलगाववादी भारत और ऑस्ट्रेलिया के ताल्लुकात बिगाड़ने के इरादे रखते हैं, इसका अहसास प्रधानमंत्री मोदी ने कराया। साथ ही ऑस्ट्रेलिया की सरकार भारत विरोधी ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त ना करें, यह उम्मीद भी प्रधानमंत्री जताते दिख रहे हैं।

मार्च महीने में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने भारत का दौरा किया था। उस समय ऑस्ट्रेलिया के मंदिरों पर हमले हुए। इस वजह से इन हमलों के पीछे दोनों देशों का सहयोग बाधित करने की साज़िश होने के आरोपों की पुष्टि हुई ती। लेकिन, आगे के समय में धर्मविरोधी और देश विरोधी शक्तियों को ऑस्ट्रेलिया में गतिविधियां करने का अवसर नहीं मिल सके, इसका ध्यान प्रधानमंत्री मोदी रखते दिख रहे है। प्रधानमंत्री मोदी ने सिडनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते समय गुरुद्वारों द्वारा हो रहे सामाजिक कार्य की खुले दिल से सराहना की। खास तौर पर कोरोना की महामारी के दौरान गुरुद्वारा और मंदिरों ने किए कार्य की याद भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान ताज़ा की। भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे मुठ्ठीभर अलगाववादी भारत की एकता को चुनौती नहीं दे सकते, इसका अहसास भी प्रधानमंत्री ने इसके ज़रिये ना की सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में मौजूद, बल्कि दुनियाभर के अलगाववादियों को कराया।

अमरीका के सैन फ्रान्सिस्को, ब्रिटेन के लंदन में भारतीय दूतावास पर एवं कनाड़ा के भारतीय नागरिकों पर हमले करके खलिस्तान का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की साज़िश अलगाववादियों ने की थी। ऑस्ट्रेलिया के मंदिरों पर हुए हमले भी उसी साज़िश का हिस्सा थे। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर अपनाई सख्त भूमिका अलगाववादियों की योजनाओं को नामाक करती दिख रही है। 

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