भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग ‘टी-२०’ की गति से बढ़ रहा है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

सिडनी – ‘ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने मार्च महीने में भारत दौरा किया था। इसके मात्र दो महीने बाद हम ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर फिर से अल्बानीज से मुलाकात कर रहे हैं। एक वर्ष के भीतर हुई हमारी यह छठीं मुलाकात है। यह बात दोनों देशों के गहरे ताल्लुकात, समान नज़रिया और द्विपक्षीय सहयोग की परिपक्वता साबित करती है। क्रिकेट की भाषा में कहे तो भारत-ऑस्ट्रेलिया ताल्लुकात ‘टी-२०’ गति से बढ़ रहे हैं’, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा। 

‘टी-२०’प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के आखरी दिन द्विपक्षीय वार्तापरिषद को संबोधित करते समय दोनों देशों के सहयोग को प्राप्त हुई गति पर संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री अल्बानीज के साथ इस वार्तापरिषद को संबोधित करने से पहले दोनों देशों ने ‘माइग्रेशन ॲण्ड मोबिलीटी पार्टनरशिप अरेंजमेंट’ और ‘ऑस्ट्रेलियन-इंडियन ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स’ के सहयोग से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। इनमें से ‘माइग्रेशन ॲण्ड मोबिलीटी पार्टनरशील अरेंजमेंट’ समझौते की वजह से भारत से करीबन तीन हज़ार उच्च कुशलता प्राप्त किए युवकों को ऑस्ट्रेलिया के वित्रिन्न क्षेत्रों में करिअर करने का अवसर प्राप्त होगा।

इस समझौते के कारण ऑस्ट्रेलिया के अहम क्षेत्रों को महसूस हो रही उच्च स्तरीय कुशल ‘वर्कफोर्स’ की कमी दूर होगी, यह विश्वास प्रधानमंत्री अल्बानीज ने व्यक्त किया। इसके अलावा दोनों देशों ने किए ‘ग्रीन हाइड्रोनज’ क्षेत्र का सहयोग अधिक तेज़ी से विकसित करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने से संबंधित समझौता भी किया गया है। इस टास्क फोर्स में दोनों देशों के विशेषज्ञों का समावेश रहेगा। इसके माध्यम से दोनों देशों में प्रदुषण का स्तर कम करने की कोशिश होगी। ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया का सहयोग इन देशों की परंपरागत ईंधन पर बनी निर्भरता कम करेगा और इससे काफी बड़े रणनीतिक लाभ दोनों देशों को प्राप्त होंगे।

साथ ही ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में भारत अपना नया दूतावास शुरू कर रहा हैं। ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय नागरिक लंबे समय से यह मांग कर रहे थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने बेंगलुरु में अपना दूतावास शुरू करने का ऐलान किया।

साथ ही दोनों देशों ने ‘कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रीमेंट’ (सीईसीए) पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय किया है, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने साझा की। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही मुक्त व्यापारी समझौता किया है, इसकी याद प्रधानमंत्री ने बयान की। व्यापार और आर्थिक क्षेत्र के इस सहयोग को नई ऊंचाई देने के लिए ‘सीईसीए’ उपयुक्त साबित होगा, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया का सालाना व्यापार फिलहाल २७ अरब डॉलर्स तक जा पहुंचा हैं। वर्ष २०३५ में यही द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर ५० अरब डॉलर्स करने का लक्ष्य दोनों देशों ने निर्धारित किया है। इस पृष्ठभूमि पर ‘सीईसीए’ का समझौता ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। इस व्यापारी सहयोग के साथ ही दोनों देशों के रक्षा संबंधित हितसंबंध एक समान होने की बात प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री अल्बानीज की चर्चा में फिर से स्पष्ट हुई।

स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए ऑस्ट्रेलिया और भारत प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए दोनों देश काफी अहम योगदान देकर इस क्षेत्र की सहायता कर सकते हैं, यह विश्वास प्रधानमंत्री अल्बानीज ने व्यक्त किया। वहीं, भारत और ऑस्ट्रेलिया का नज़रिया दोनों देशों के सहयोग तक सीमित नहीं हैं। बल्कि, क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और विश्व के हित के लिए दोनों देशों का यह सहयोग अहम हैं, ऐसा सूचक बयान भारत के प्रधानमंत्री ने किया। 

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