भारतीय प्रधानमंत्री के अमरीका दौरे ने पाकिस्तान की चिंताएँ बढ़ाईं

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे को मिले प्रतिसाद से पाकिस्तान की चिंताएँ भारी मात्रा में बढ़ीं हैं। ख़ासकर अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का क्वाड में सहभाग, यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रभाव बढ़ानेवाली बात साबित होती है। अगर ऐसी ही परिस्थिति कायम रही, तो जल्द ही भारत संयुक्त राष्ट्र संगठन सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी बनेगा, ऐसा पाकिस्तान को लगने लगा है। प्रधानमंत्री मोदी के अमरीका दौरे को मिली सफलता पर चर्चा करते समय, पाकिस्तान के कुछ पत्रकारों ने यह डर ज़ाहिर किया।

अमरीका दौरेसंयुक्त राष्ट्र संगठन की आम सभा में बात करते समय भारत के प्रधानमंत्री ने देश की लोकतंत्रवादी परंपरा का गौरवपूर्ण उल्लेख किया। भारत में हजारों सालों से लोकतंत्र की परंपरा चलती आई है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा था। भारत का विकास, यानी दुनिया का विकास और भारत ने किए सुधार दुनिया के सुधारों को गति प्रदान करते हैं, यह बताकर प्रधानमंत्री ने भारत की सामरिक अहमियत अधोरेखांकित की थी। उसकी दखल पाकिस्तान के माध्यमों को भी लेनी पड़ी। उसी समय, अमेरिकन औद्योगिक क्षेत्र के मान्यवरों के साथ हुई भारत के प्रधानमंत्री की बैठक को, भारी मात्रा में सफलता मिली होने का दावा पाकिस्तान के माध्यम कर रहे हैं।

इसे भारत में आनेवाले निवेश का प्रवाह भारी मात्रा में बढ़ेगा और उसके साथ ही, भारत का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व भी अधिक से अधिक प्रमाण में बढ़ता जाएगा, यह बताकर, उससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा खतरा संभव है, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के भारतविद्वेषी विश्लेषकों ने दी। अफगानिस्तान में मिली असफलता के कारण निराश हुई अमरीका, अपनी इस असफलता का ठीकरा फोड़ने के लिए बकरा ढूँढ़ रही है। इसके लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया जाएगा और इसी कारण, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच की चर्चा के दौरान, अमरीका द्वारा पाकिस्तान की हो रही आलोचना तेज़ होती चली जा रही है, ऐसा निष्कर्ष पाकिस्तान के कुछ ज़िम्मेदार पत्रकारों ने दर्ज किया है।

भारत और अमरीका के सहयोग के पीछे होनेवाली इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने गौर नहीं फरमाया है। प्रधानमंत्री इम्रान खान लगातार तालिबान की वकालत करके पाकिस्तान को मुश्किल में डाल रहे हैं। इस कारण, नज़दीकी दौर में अमरीका भारत का इस्तेमाल करके, पाकिस्तान को सबक सिखाएगी, ऐसे दावे इस देश के वरिष्ठ पत्रकार कर रहे हैं। इसके लिए भारत और अमरीका ने पूर्वतैयारी भी की है। न्यूजीलैंड की और उसके बाद इंग्लैंड की क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान में खेलने से इन्कार के पीछे यही बात होने की चेतावनी इन पाकिस्तानी पत्रकारों ने दी है। ‘तालिबान का खुलेआम समर्थन करनेवाला आतंकवादी देश’ ऐसी पाकिस्तान की छवि बनाई जा रही होकर, उसका बहुत बड़ा झटका पाकिस्तान को लगनेवाला है। भारत इसका पूरी तरह लाभ उठाएगा और जल्द ही भारत द्वारा पाकिस्तान के विरोध में सख्त कार्रवाई अपेक्षित है, ऐसी डरी हुई प्रतिक्रिया पाकिस्तान के माध्यम दे रहे हैं।

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