तेहरिक-ए-तालिबान ने क्वेट्टा में किए आत्मघाती हमले में पाकिस्तान के चार सैनिक ढ़ेर

क्वेट्टा – बलोचिस्तान की राजधानी क्वेट्टा में आत्मघाती हमले में पाकिस्तानी सेना के चार सैनिक मारे गए। इस हमले में २० सैनिकों के घायल होने की जानकारी भी साझा की जा रही है। ‘तेहरिक ए तालिबान’ ने इस हमले का ज़िम्मा स्वीकारा है और साथ ही इस हमले में हमने पाकिस्तान के ३० सैनिकों को ढ़ेर किया है, यह दावा ‘तेहरिक’ ने किया है।

तेहरिक-ए-तालिबानबलोचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेट्टा शहर से २५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मस्तंग रोड़ की पाकिस्तानी ‘फ्रंटियर कोर’ की चौकी को आत्मघाती हमलावर ने लक्ष्य किया। करीबन छह किलो विस्फोटकों से भरी मोटर सायकल इस आत्मघाती हमलावर ने सेना की गाड़ी से टकराई। इससे हुए विस्फोट में पाकिस्तानी सेना के ४ सैनिक मारे गए और २० घायल हुए। घायलों में से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। ‘तेहरिक’ ने इस हमले का ज़िम्मा स्वीकारा है।

अफ़गानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद तेहरिक ए तालिबान ने पहली बार इस तरह से हमला करने का ज़िम्मा स्वीकारा है। लेकिन, इस आत्मघाती हमले का निषेध करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस हमले के पीछे विदेशी ताकत होने का आरोप लगाया। उनका रुख भारत की ओर होने की बात स्पष्ट हो रही है। लेकिन, अफ़गानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद वहां से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनेवाले भारत की गुप्तचर संस्था निष्प्रभ होगी, यह दावा पाकिस्तान ने किया था। साथ ही अफ़गानिस्तान में स्थित भारत के दूतावास पाकिस्तान में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, यह आरोप भी पाकिस्तान ने लगाया था। लेकिन, अब अफ़गानिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास बंद है। फिर भी पाकिस्तान में हुए इस बम विस्फोट के लिए भारत कैसे ज़िम्मेदार हो सकता है, इसका जवाब पाकिस्तान के पास नहीं है।

तेहरिक-ए-तालिबानइसी बीच, पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं ने इस बम विस्फोट के लिए इम्रान खान की सरकार को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। अफ़गानिस्तान में तालिबान की सरकार बने और इस सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त हो, इसके लिए पाकिस्तान की कड़ी कोशिश जारी है। लेकिन, तालिबान अभी भी पाकिस्तान में आतंकी हमले करनेवाले तेहरिक के आतंकियों को पाकिस्तान के हाथ में सौंपने के लिए तैयार नहीं है। साथ ही इन आतंकियों पर कार्रवाई करने की माँग कर रहे पाकिस्तान को तालिबान ने ठुकराया था।

इससे तालिबान और तेहरिक दोनों अलग अलग संगठन हैं और उनका एक-दूसरे से कोई ताल्लुक नहीं है, यह पाकिस्तान का दावा खारिज़ हुआ है। तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर हासिल की हुई जीत के बाद पाकिस्तान में आतंकी हमलों की मात्रा बहुत चिंताजनक हद तक बढ़ गई है, इस ओर भी कुछ पाकिस्तानी पत्रकार ध्यान आकर्षित कर रहे है।

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