पूर्वी युक्रेन में रशियन नागरिकों का नरसंहार जारी है – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – पूर्वी युक्रेन के डोन्बास इलाके में जारी संघर्ष यानी उस क्षेत्र के रशियन नागरिकों का नरसंहार होने का दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने किया| इस दौरान उन्होंने ‘रुसोफोबिया’ शब्द का प्रयोग करके, यह नरसंहार की ओर बढ़ाया पहला कदम होने का बयान किया है| अमरीका ने इस बयान पर जवाब दिया है और यह रशियन दुष्प्रचार का हिस्सा होने की आलोचना की|

पूर्वी युक्रेन के डोन्बास क्षेत्र में रशिया समर्थक विद्रोही गुट और युक्रेन की सेना के बीच संघर्ष जारी है| फिलहाल इस संघर्ष की तीव्रता कम है, लेकिन अभी भी थोड़े समय बाद मुठभेड़ होने की बात सामने आ रही है| इस दौरान युक्रेन में रहनेवाले रशियन नागरिक और उद्यमियों पर कार्रवाई होने की खबरें भी सामने आ रही हैं| युक्रेन के कुछ गुट, रशिया के खिलाफ असंतोष की भावना को बढ़ावा देने में जुटे होने की बात भी स्पष्ट हुई है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के दावे की यह पृष्ठभूमि बताई जा रही है|

इसी बीच, पूर्वी युक्रेन में युद्धविराम की कोशिश फिर से असफल साबित हुई है| युक्रेन ने युद्धविराम के लिए फिजूल प्रस्ताव पेश किया हैं, यह आरोप रशिया ने लगाया| वहीं, रशिया ने हमारा दिया प्रस्ताव ठुकराने की वजह से युद्धविराम नहीं हुआ, ऐसा युक्रेन ने कहा है| युद्धविराम करने के लिए स्थापित किए गुट में फ्रान्स और जर्मनी को शामिल करने की मॉंग युक्रेन ने रखी थी| लेकिन, रशिया ने इसे नकारा है|

रशिया के उप-विदेशमंत्री सर्जेई रायबकोव्ह ने पूर्वी युक्रेन की स्थिति की तुलना वर्ष १९६२ के ‘क्यूबन मिसाइल क्रायसिस’ से की है| एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए उप-विदेशमंत्री रायबकोव्ह ने यह दावा किया कि घटनाएँ ऐसीं ही होती रहीं, तो पूर्वी युक्रेन की स्थिति ‘क्यूबन मिसाइल क्रायसिस’ की तरह ही हो सकती है| वर्ष १९६२ में क्यूबा में मिसाइल तैनाती का मुद्दा काफी बिगड़ा था और इससे अमरीका और रशिया के बीच परमाणु युद्ध शुरू होने के आसार बने थे|

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