ईरान, ईंधन और लेबनान के मुद्दे पर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष और सौदी के क्राऊन प्रिन्स में हुई चर्चा

पैरिस – यूरोप का दौरा कर रहे सौदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं में ईंधन की किल्लत, ईरान का परमाणु समझौता और लेबनान की स्थिति पर चर्चा हुई। इसी बीच, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या और मानव अधिकारों की पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने सौदी के क्राऊन प्रिन्स से भेंट ना करें, ऐसी माँग फ्रान्स में की गई थी। लेकिन, प्रिन्स मोहम्मद का रेड कार्पेट स्वागत करने की वजह से राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन की आलोचना हो रही है।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्षपिछले कुछ दिनों से यूरोप का दौरा कर रहे सौदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान गुरुवार को फ्रान्स पहुँचे। राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन के साथ मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर प्रिन्स मोहम्मद ने लंबी चर्चा की। इसमें ईरान के परमाणु समझौते के साथ ही इराक, सीरिया, येमन और लेबनान में ईरान के बढ़ते प्रभाव पर सौदी ने अपनी भूमिका रखी। इन अरब देशों में ईरान का प्रभाव बढ़ने से सौदी अरब की सुरक्षा के लिए खतरा होने की बात पर प्रिन्स मोहम्मद ने ध्यान आकर्षित किया।

ऐसे में यूक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन के तीव्र संकट का सामना कर रहे फ्रान्स के लिए प्रिन्स मोहम्मद की यह मुलाकात काफी अहम होने का दावा किया जा रहा है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने सौदी के क्राऊन प्रिन्स के साथ ईंधन के सहयोग पर चर्चा की। यूक्रेन युद्ध की वजह से निर्माण हुई ईंधन की समस्या का हल निकालने के लिए प्रिन्स मोहम्मद पर काफी कुछ निर्भर है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने कहा।

ईंधन उत्पादक देशों की संगठना ‘ओपेक’ पर सौदी के प्रभाव के मद्देनज़र फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष और प्रिन्स मोहम्मद के बीच बातचीत ध्यान आकर्षित करती है।

इसी बीच दो हफ्ते पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सौदी अरब की यात्रा करके प्रिन्स मोहम्मद से मुलाकात की थी। साथ ही ईंधन उत्पादक खाड़ी देशों के नेताओं से बातचीत करके ईंधन उत्पादन बढ़ाने का आवाहन भी किया था। लेकिन, बायडेन का सौदी दौरा असफल रहा, ऐसी आलोचना अमरिकी माध्यमों ने की थी। बल्कि, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने सौदी के क्राऊन प्रिन्स के साथ ईंधन सहयोग पर सफल चर्चा की, ऐसा अमरिकी माध्यमों का कहना है।

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