‘वॉर इकॉनॉमी’ बना फ्रान्स रक्षाखर्च में बड़ी बढ़ोतरी करेगा – राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन

पैरिस, दि – रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के साथ ही फ्रान्स ने ‘वॉर इकॉनॉमी’ मेम प्रवेश किया है। अगले कुछ सालों तक फ्रान्स की यह स्थिति कायम रह सकती है, ऐसा कहकर फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने रक्षाखर्च में बड़ी बढ़ोतरी करने के संकेत दिए हैं। वैश्विक स्तर भू-राजनीतिक गणित बड़ी मात्रा में बदल रहा है और इसके खतरों के मद्देनज़र फ्रेंच रक्षाबल अपने लिए ज्यादा खर्च की योजना तैयार करे, ऐसे निर्देश राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने दिए हैं। फिलहाल फ्रान्स का ‘डिफेन्स बजेट’ ४३ अरब डॉलर्स है और साल २०२५ तक यह ५२ अरब डॉलर्स तक बढने की संभावना है।

‘वॉर इकॉनॉमी'‘आगे बढ़ते समय अतीत की गलतियाँ नहीं दोहरानी हैं। रक्षा सामान खरीदने के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना उचित नहीं है। यूरोप ने एक मज़बूत और महत्वाकांक्षी रक्षा उद्योग का निर्माण करना होगा। वरना भविष्य में यूरोप को अन्य देशों पर निर्भर रहना होगा’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने रक्षाखर्च में बड़ी बढ़ोतरी करने की भूमिका का समर्थन किया।

‘रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश करने के लिए फ्रान्स ने वैश्विक स्तर पर रणनीतिक बदलाव होने की राह नहीं देखी। लेकिन, रशिया के युद्ध ने अधिक तेज़ कदम उठाने की और अधिक मज़बूत होने की ज़रूरत निर्माण की है। फ्रान्स रक्षा क्षेत्र के लिए कर रहे निर्णयों पर किसी को आशंका हो तो वे यूक्रेन की ओर देखें। यूक्रेन के सैनिक आज अच्छे हथियारों के लिए अन्य देशों से माँग कर रहे हैं। उन्हें यूरोपिय देश रिस्पान्स दें और हथियार प्रदान करें, यह उम्मीद उन्हें है। इसका अहसास होना चाहिए’, ऐसा फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने कहा।

‘वॉर इकॉनॉमी'‘ले मोन्दे’ नामक फ्रेंच अखबार के वृत्त में कहा गया है कि, फ्रान्स के रक्षा विभाग के हिस्से वाली ‘डीजीए’ यंत्रणा ने नया विधेयक पेश करने की तैयारी शुरू की है। इस विधेयक में नागरी क्षेत्र की कंपनियाँ एवं नागरी उद्योगों के लिए आवश्यक सामान का इस्तेमाल हथियार बनाने के लिए करने का प्रावधान किया गया है।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने सत्ता की बागड़ोर संभालने के साथ ही रक्षाखर्च लगातार बढ़ाने पर जोर दिया है। विश्व के कई प्रमुख देशों के साथ फ्रान्स ने रक्षा सहयोग भी किए हैं। साथ ही यूरोपिय महासंघ स्वतंत्र रक्षाबल एवं रक्षा उद्योग विकसित करे, इसके लिए फ्रान्स ने पहल की है। इसके लिए जर्मनी और इटली जैसे देशों को साथ लेकर महत्वाकांक्षी योजना भी शुरू की थी।

फ्रान्स से पहले जर्मनी ने अपनी रक्षा नीति में बड़े बदलाव करने के ऐलान किए थे। जर्मनी ने रक्षाखर्च के लिए १०० अरब युरो का प्रावधान किया है और अगले कुछ सालों में जर्मन रक्षाबलों का चेहरा बदलने का प्रावधान होनेवाले प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इसमें नए प्रगत लड़ाकू विमानों के साथ प्रगत मिसाइल, टैंक, बख्तरबंद वाहन एवं आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का समावेश है।

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