यदि सिरिया में सैनिक भेजे, तो उन्हें शवपेटियों में वापस भेजेंगे

सौदी अरेबिया एवं दोस्तराष्ट्रों को सिरिया की चेतावनी

syria fm mouallem

सिरिया में अवैध रूप में घुसनेवाले सैनिकों को शवपेटियों में उनके देश में वापस भेजेंगे, ऐसी धमकी सिरिया के विदेशमंत्री वालिद मुअल्लम ने दी। सौदी अरेबिया के पीछे पीछे, बहारीन और संयुक्त अरब अमिरात ने ‘आयएस’ विरोधी कार्रवाई के लिए सिरिया में सेना तैनात करने की तैयारी दर्शायी थी। लेकिन उसपर सिरिया के विदेशमंत्री ने यह तीख़ी प्रतिक्रिया दी है। बिना इजाज़त के यदि सिरिया में दूसरे देश की सेना दाख़िल हुई, तो उसे सिरिया पर का आक्रमण माना जाएगा, ऐसा भी मुअल्लम ने स्पष्ट शब्दों में कहा है।

सौदी अरेबिया ने यह घोषित किया था कि वह सिरियास्थित ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष के लिए लष्कर भेजने को तैयार है। येमेन के विद्रोहियों का मुक़ाबला करनेवाले सौदी के लष्कर का अनुभव ‘आयएस’विरोधी कार्रवाई के लिए उपयोगी साबित हो सकता है, ऐसा दावा सौदी लष्कर के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अहमद अस्सेरी ने किया था। अमरीका के रक्षामंत्री अ‍ॅश्टन कार्टर ने भी सौदी अरेबिया के इस निर्णय का स्वागत किया था। साथ ही, सौदी के प्रभाव में रहनेवाले बहारीन और संयुक्त अरब अमिरात ने भी सौदी के साथ साथ सिरिया में लष्कर तैनात करने की तैयारी दर्शायी है। ब्रिटन स्थित बहारीन के राजदूत ‘शेख फ़वाज़ बिन मोहम्मद अल-ख़लिफ़ा’ ने यह घोषित किया है कि हमारा देश सौदी
के साथ साथ, सिरियास्थित आतंकवादी संघर्ष के लिए सेना भेज सकता है। संयुक्त अरब अमिरात भी इसके लिए तैयार होने का दावा बहारीन के राजदूत ने किया है।

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कुछ दिन पहले ‘संयुक्त अरब अमिरात’ के विदेशव्यवहार राज्यमंत्री ने अपना देश सिरिया में सेना तैनात करने के लिए तैयार होने के संकेत दिए थे। इस पार्श्वभूमि पर, सौदी अरेबिया का प्रभाव रहनेवाले ‘गल्फ़ कोऑपरेशन कौन्सिल’ के सदस्यदेश सिरिया में लष्करी हस्तक्षेप करने की तैयारी में होने की बात स्पष्ट हो रही है। इससे पहले सौदी, संयुक्त अरब अमिरात, कतार इन देशों ने सिरिया के अस्साद शासन के खिलाफ़ विद्रोहियों को पैसे एवं शस्त्र-अस्त्रों की आपूर्ति करने की भूमिका खुलेआम अपनायी थी। लेकिन अब सिरिया में ठेंठ लष्करी हस्तक्षेप करने के सौदी तथा मित्रराष्ट्रों के प्रस्ताव पर सिरिया भड़क गया दिखायी दे रहा है।

सिरियन सरकार की अनुमति के बग़ैर सेना तैनात करने का निर्णय यह सिरिया पर आक्रमण माना जाएगा, ऐसा सिरिया के विदेशमंत्री वालिद मुअल्लम ने कहा है। साथ ही, अवैध रूप से सिरिया की भूमि पर कदम रखनेवाले विदेशी सैनिकों को हम शवपेटियों में डालकर उनके देश वापस भेज देंगे, यह कहकर मुअल्लम ने सौदी अरेबिया तथा दोस्तराष्ट्रों को धमकाया है। ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने ‘सिरिया में सेना भेजने की हिम्मत सौदी में नहीं है, ऐसा दावा किया था। फिर भी यदि सौदी ने ऐसा निर्णय लिया, तो सिरिया में सौदी
की पराजय निश्चित है, ऐसा भी ईरान के अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा है।

सिरिया के संघर्ष में रशिया उतरा होकर, रशियन विमान ‘आयएस’ के स्थानों पर हवाई हमलें कर रहे हैं। इसका बहुत बड़ा सामरिक लाभ, ‘आयएस’ के साथ विद्रोही संगठनों पर कार्रवाई करनेवाले सिरियन लष्कर को मिल रहा है। इस कारण, सौदी तथा सौदी के दोस्तराष्ट्रों के साथ अमरीका भी बेचैन बन चुकी होकर, पश्चिमी देश रशिया के हवाई हमलों की आलोचना करने लगे हैं। ऐसी परिस्थिति में, सिरिया तथा ईरान के साथ साथ रशिया भी, सौदी तथा दोस्तराष्ट्रों के, सिरिया में लष्करी हस्तक्षेप करने के सख़्त विरोध में होने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। इस विरोध की परवाह न करते हुए यदि सौदी, बाहरीन एवं संयुक्त अरब अमिरात ने सिरिया में सैनिक तैनात किये और उसे अमरीका ने समर्थन दिया, तो सिरिया में घमासान युद्ध का प्रारंभ हो सकता है।

सिरिया के विदेशमंत्री द्वारा दी गयी चेतावनी में से यह बात स्पष्ट हो रही है।

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