सौदी अरेबिया विरोधी ९/११ विधेयक को अमरिकी सिनेट की मंज़ुरी

९/११ विधेयक

अमरीका में हुए ९/११ के आतंकवादी हमले में सौदी के सहभाग के बारे में जाँच करने के लिए मान्यता देनेवाले विधेयक को अमरिकी सिनेट ने मंज़ुरी दे दी है। ‘द जस्टिस अगेन्स्ट स्पॉन्सर्स ऑफ़ टेररिझम अ‍ॅक्ट ’ नामक यह विधेयक अमरिकी सिनेट में ध्वनिमत से मंज़ूर हो गया। इससे, इस हमले में हुए नुक़सान के लिए अमरिकी नागरिक सौदी अरेबिया के विरोध में मुक़दमा दायर कर मुआवज़े की माँग कर सकते हैं। यदि अमरिकी सिनेट ने यह विधेयक मंज़ूर किया, तो अपने पास रहनेवाले ७५० अरब डॉलर्स के अमरिकी ‘डेब्ट बाँड्स’ बेच देने की धमकी सौदी ने दी थी।

अमरीका पर हुए ९/११ के आतंकवादी हमले में शामिल रहनेवाले १९ आतंकियों में से १५ आतंकी सौदी अरेबिया के नागरिक होने की बात तहकिक़ात में से सामने आयी थी। ९/११ की साज़िश में सौदी अरेबिया का सहभाग रहने की जानकारी भी अमरीका के संसदीय आयोग द्वारा तैयार किये गये रिपोर्ट में है। लेकिन सौदी का हाथ रहने के सबूत दर्शानेवाले ये दस्तावेज़ अमरिकी प्रशासन ने अभी भी प्रकाशित नहीं किये हैं। ये दस्तावेज़ प्रकाशित किये जायें और अमरिकी नागरिकों के लिए, सौदी के खिलाफ़ मुआवज़े की माँग करना मुमक़िन हों इसलिए पिछले कुछ सालों से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

९/११ विधेयक९/११ हमले में जानें गँवा चुके अमरिकी नागरिकों के रिश्तेदारों द्वारा अमरीका के न्यायालय में एक मुक़दमा दायर भी किया गया था। लेकिन अमरिकी न्यायाधीश ने सन १९७६ में बनाये हुए एक क़ानून का संदर्भ देकर उपरोक्त मुक़दमा ख़ारिज़ कर दिया था। सन १९७६ के इस क़ानून के अनुसार, अमरिकी न्यायालयों में दायर होनेवाले मुक़दमों के संदर्भ में विदेशी नागरिकों को कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान की गयी है। इस सुरक्षा के कारण ९/११ के हमलों के सिलसिले में अमरिकी नागरिकों द्वारा दायर किये गये मुक़दमों में सौदी के ख़िलाफ़ गुनाह सिद्ध करना नामुमक़िन बन गया है।

लेकिन अब नये विधेयक में, ९/११ के हमले का अपवाद (एक्सेप्शन) करके, अमरिकी नागरिकों को सौदी अरेबिया के विरोध में मुक़दमा दायर करने की अनुमति देनेवाला प्रावधान किया गया है। ‘नये विधेयक के कारण, ९/११ में जान गँवा चुके लोगों को इन्साफ़ मिलने में थोड़ीबहुत सहायता होगी’ इन शब्दों में सिनेटर चार्ल्स शुमर ने ‘द जस्टिस अगेन्स्ट स्पॉन्सर्स ऑफ़ टेररिझम अ‍ॅक्ट’ की मंज़ुरी पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

सिनेट की मंज़ुरी के बाद यह विधेयक संसद के कनिष्ठ सभागृह में अवलोकन के लिए दाख़िल किया जानेवाला है। इस सभागृह ने विधेयक की स्वतंत्र आवृत्ति तैयार की है, ऐसा माना जाता है। कनिष्ठ सभागृह ने यदि विधेयक मंज़ूर किया, तो उसे हस्ताक्षर के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के पास भेजा जायेगा। राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने पहले ही इस विधेयक को अपना विरोध दर्शाया होकर, उसके विरोध में नकाराधिकार का इस्तेमाल करने की चेतावनी भी दी है।

अमरिकी संसद नें यदि यह विधेयक मंज़ूर किया, तो विदेश में कार्यरत रहनेवाले अमरिकी नागरिकों को भी क़ानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, ऐसा युक्तिवाद इस विधेयक को रोकने के लिए किया गया है। साथ ही, सौदी अरेबिया एवं अन्य देशों के साथ रहनेवाले अमरीका के संबंध बिगड़ सकते हैं, ऐसा डर भी व्यक्त किया गया है। लेकिन सिनेट में अमरिकी सांसदों ने ध्वनिमत से इस विधेयक को मंजुरी दी होने के कारण, कनिष्ठ सभागृह तथा राष्ट्राध्यक्ष पर का दबाव बढ़ गया है, ऐसा माना जाता है।

ईरान के साथ परमाणुसमझौता करने के लिए अमरिका ने की हुई पहल और उसे मिली सफलता के कारण सौदी में तीव्र नाराज़गी है। साथ ही, सिरिया एवं येमेन में चल रहे संघर्ष में अमरीका ने सौदी को किया हुआ विरोध सौदी की सत्ताधारी राजसत्ता को दुखानेवाला साबित हुआ है। उसी में, अमरिकी संसद में, सौदी को होनेवाली शस्त्रों की आपूर्ति पर पाबंदी लगाने की दृष्टि से गतिविधियाँ शुरू हुई होकर, यह बात दोनों देशों के बीच के तनाव को और भी बढ़ानेवाली साबित हुई है। अब सौदी को कोने में पकड़ सकनेवाले विधेयक का मार्ग भी अमरिकी संसद में खुला हुआ होकर, यह बात दोनों देशों के संबंधों को और भी बिगाड़नेवाली साबित हो सकती है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।

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