फ़्रान्स के प्रधानमंत्री द्वारा आपात्-स्थिति का समर्थन

French National Assembly weekly session

पॅरिस पर हुए आतंकवादी हमले ते बाद फ़्रान्स की सुरक्षायंत्रणाओं ने हज़ारों घरों में छापे मारकर घातपात के षडयंत्र को नाक़ाम कर दिया, ऐसा कहकर फ़्रान्स के प्रधानमंत्री मॅन्युअल वाल्स ने देश भर में लागू की गयी आपात्-स्थिति (ईमर्जन्सी) का समर्थन किया। साथ ही, इस आपात्-स्थिति की कालावधि तीन महीने तक बढ़ान की माँग भी उन्होंने की। चार दिन पहले ही राजधानी पॅरिस में आपात्-स्थिति के विरोध में प्रदर्शन किये गये थे। इस पार्श्वभूमि पर वाल्स ने आपात्-स्थिति लागू करने के निर्णय का समर्थन किया है।

पिछले वर्ष नवम्बर महीने में पॅरिस पर हुए हमलों के बाद भी ‘आयएस’ के और कुछ आतंकी फ़्रान्स में छिपकर घात में बैठे होने की जानकारी फ़्रेंच यंत्रणाओं को मिली। इस पार्श्वभूमि पर, फ़्रान्स ने देश भर में आपात्-स्थिति का ऐलान किया था। उसके बाद फ़्रान्स की यंत्रणाओं ने आतंकवादी संगठनों से संबंधित संशयितों को कब्ज़े में लिया है। यह जानकारी देकर प्रधानमंत्री वाल्स ने फ़्रान्स की सुरक्षा को अभी भी आतंकवादी हमलों का ख़तरा होने की बात स्पष्ट की।

पिछले वर्ष, फ़्रान्स की सुरक्षा यंत्रणाओं ने १५ आतंकवादी हमले की साज़िशों को नाक़ाम कर दिया। वहीं, पॅरिस पर के हमले के बाद एक बड़े षड्यंत्र को नाक़ाम करने में फ़्रेंच यंत्रणाओं को सफलता मिली हुई होने की जानकारी फ़्रान्स के प्रधानमंत्री ने संसद के समक्ष दी। इस षड्यंत्र को नाक़ाम कर देने के लिए फ़्रेंच पुलीस को, बिना कोई वॉरंट जारी किए ही हज़ारों घरों की तलाशी लेनी पड़ी और यह केवल ‘आपात्-स्थिति’ लागू करने के कारण ही संभव हुआ, इसकी ओर प्रधानमंत्री वाल्स ने ग़ौर फ़रमाया।

१३० से भी अधिक लोगों की जानें लेनेवाले पॅरिस पर के हमले के बाद, फ़्रान्स की पुलीस ने कम से कम ३२८९ घरों की तलाशी ली होकर, ३४१ लोगों को गिरफ़्तार किया है। वहीं, ४०७ लोगों को नज़रक़ैद में रखा गया होकर, इन छापों में ५६० शस्त्र बरामद हुए हैं। इनमें से ४२ शस्त्र युद्ध में उपयोग में लाये जा सकनेवाले हैं, ऐसी जानकारी फ़्रान्स के प्रधानमंत्री ने दी। उसीके साथ, गत कुछ वर्षों में फ़्रान्स में से दो हज़ार लोग सिरिया एवं इराक़ के लिए रवाना हुए हैं। उनमें से ५९७ लोग अभी तक इराक़, सिरिया में हैं, यह बताकर आतंकवादियों के नेटवर्क से फ़्रान्स को अभी तक ख़तरा होने की बात वाल्स ने अधोरेखांकित की।

पॅरिस पर के इस आतंकवादी हमले के बाद फ़्रान्स ने इराक़, सिरिया स्थित ‘आयएस’ के आतंकवादी स्थानों पर हवाई हमलें करना शुरू किया। वहीं, अपने स्थानों पर हमले करनेवाले अमरीका, ब्रिटन तथा फ़्रान्स सहित सभी पश्चिमी देशों पर भयंकर हमले करने की धमकी ‘आयएस‘ ने दी है। ‘आयएस’ की इस धमकी के बाद फ़्रेंच प्रधानमंत्री ने, ‘आयएस’ के विनाश तक फ़्रान्स में आपात्-स्थिति लागू रहेगी, ऐसा घोषित किया था। साथ ही, आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़े हुए फ़्रेंच नागरिकों का नागरिकत्व ख़ारिज़ कर देने की घोषणा भी फ़्रान्स की सरकार ने की थी।
आपात्-स्थिति लागू करने के निर्णय को, दाहिनी विचारधारा की ‘नॅशनल फ़्रंट’ इस राजनीतिक पार्टी ने विरोध व्यक्त किया है। इस पार्टी ने कुछ दिन पूर्व, सरकार के निर्णय के विरोध में प्रदर्शनों का आयोजन किया था। इस दौरान, अगले वर्ष फ़्रान्स में आम चुनाव होकर, हॉलांदे की सरकार पर दबाव लाने के लिए विरोधक ईमर्जन्सी के इस मुद्दे का इस्तेमाल करते हुए दिखायी दे रहे हैं।

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