सौदी सिरिया में सेना भेजेगा

सौदी के राजघराने के संकेत

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सिरियास्थित ‘आयएस’विरोधी संघर्ष के लिए उस देश में सेना भेजने के मुद्दे को लेकर अमरीका में घमासान बहस चल रही है। ऐसे हालातों में सौदी अरेबिया ने ‘हम सिरिया में सेना तैनात करने के लिए तैयार हैं’ ऐसी घोषणा की है। अमरीका ने सहयोग दिया, तो सौदी सिरिया में सेना तैनात कर सकेगा, ऐसी घोषणा सौदी लष्कर के प्रवक्ता ने की है। अमरीका के रक्षामंत्री अ‍ॅश्टन कार्टर ने सौदी की इस घोषणा का स्वागत किया है। लेकिन यदि सिरिया में सौदी की सेना तैनात हुई, तो सिरिया, ईरान तथा रशिया से भी उसपर सख़्त प्रतिक्रिया दर्शायी जा सकती है। इससे सिरियास्थित ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष का रूपांतरण भयानक युद्ध में हो जाने का डर और भी बढ़ गया है।

सिरिया में ‘आयएस’ पर हवाई हमलें जारी हैं। लेकिन यह स्पष्ट हो रहा है कि यह आतंकवादी संगठन हवाई हमलों की परवाह नहीं कर रहा है। इसीलिए हवाई हमलों के साथ साथ, इन आतंकवादियों के ख़िलाफ़ लष्करी कार्रवाई की भी ज़रूरत होकर, ‘येमेनी विद्रोहियों का सामना करनेवाले सौदी अरेबिया के लष्कर के पास ‘आयएस’ पर हमले करने के लिए आवश्यक अनुभव है’ ऐसा दावा सौदी के ब्रिगेडियर जनरल अहमद अस्सेरी ने किया। सौदी के राजघराने ने ‘आयएस’विरोधी संघर्ष के लिए सेना तैनात करने की तैयारी ज़ाहिर की है, ऐसा अस्सेरी ने कहा। लेकिन सिरियास्थित इस संघर्ष के लिए सौदी कितनी सेना तैनात करेगा, यह बताना सौदी लष्करी प्रवक्ता ने टाल दिया।

सौदी ने की हुई इस घोषणा का अमरीका के रक्षामंत्री कार्टर ने स्वागत किया है। सिरियास्थित संघर्ष में अन्य देशों का बढ़ता सहभाग अमरीका के ‘आयएस’विरोधी संघर्ष को सहायक साबित हो सकता है, ऐसा कार्टर ने कहा है। सिरियास्थित संघर्ष में सेना भेजने की सौदी की घोषणा पर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा, ऐसी जानकारी भी अमरीका के रक्षामंत्री ने दी। अगले हफ़्ते ब्रुसेल्स में सिरियास्थित ‘आयएस’विरोधी संघर्ष में सम्मिलित होनेवाले देशों की विशेष बैठक संपन्न हो रही होकर, इस बैठक में सिरिया में सेना तैनात करने के सौदी के निर्णय पर चर्चा की जायेगी, ऐसी जानकारी कार्टर ने दी। सौदी की तरह अन्य देश भी सिरिया में सेना भेजने का निर्णय लें, ऐसा आवाहन कार्टर नें इस समय किया।

लेकिन सिरिया में सेना तैनात करने की सौदी की तैयारी के कारण आखात में बड़ा संघर्ष भड़क सकता है, ऐसी चेतावनी अमरीका के कुछ पूर्व अधिकारी दे रहे हैं। सिरिया के गत पाँच वर्षों के संघर्ष में, आखाती मित्रदेशों ने सिरियन विद्रोहियों को शस्त्र-अस्त्रों की आपूर्ति जारी रखी है। ऐसा होते हुए, ठेंठ सिरिया में सेना तैनात करने के निर्णय के कारण सिरियास्थित संघर्ष की तीव्रता बढ़ेगी, ऐसा दावा अमरीका के रक्षा विभाग के पूर्व सहसचिव लॉरेन्स कॉर्ब ने किया। साथ ही, सिरिया में सौदी की सेना तैनात हो गयी, तो वह बात रशिया को भड़कानेवाली साबित हो सकती है, इस बात पर भी ग़ौर करने के लिए कॉर्ब ने कहा है। इस कारण सौदी का यह निर्णय अनुचित साबित होगा, ऐसा दावा भी कॉर्ब ने किया।

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सौदी के अंतर्गत सुरक्षा मंत्री ‘प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान’ के द्वारा लिये गये, येमेन के हौथी विद्रोहियों के विरोध में उतरने के निर्णय की राजघराने में से ही आलोचना की गयी थी। प्रिन्स मोहम्मद ने येमेन के संघर्ष में सौदी के लष्कर को उलझाकर सौदी की अर्थव्यवस्था पर का बोझ बढ़ाया होने की नाराज़गी भी राजघराने के कुछ वरिष्ठ सदस्यों द्वारा जाहिर की गयी। उसीके साथ सिरियास्थित संघर्ष में सौदी के लष्कर को उतरवाने के प्रिन्स मोहम्मद के निर्णय की आलोचना की गयी थी। उसके बाद सौदी के राजा सलमान की सरकार का तख़्ता पलटने के लिए राजघराने के कुछ वरिष्ठ सदस्यों के द्वारा गतिविधियाँ शुरू की गयी होने की ख़बरें भी प्रकाशित हुई थीं।

इसी दौरान, सौदी अरेबिया सिरिया में अकेला सेना नहीं भेजेगा, ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है। सौदी का मित्रदेश रहनेवाला तुर्की भी सिरिया में सेना घुसाकर ‘आयएस’विरोधी संघर्ष छेड़ सकता है, ऐसी जानकारी लष्करी सूत्रों ने ‘द गार्डियन’ इस समाचारपत्र को दी है। गत कुछ महीनों से सौदी ने इस दिशा में प्रयास शुरू किये होने की बात स्पष्ट हुई थी। इससे यह साफ़ ज़ाहिर हो रहा है कि सिरिया में अपनी सेना भेजने का निर्णय सौदी तथा सौदी के मित्रदेशों ने बहुत पहले ही लिया था।

येमेनस्थित हौथी विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सौदी तथा अरब मित्रराष्ट्रों ने छेड़ा हुआ संघर्ष अभी तक ख़त्म नहीं हुआ है। हौथी विद्रोही सौदी की दक्षिणी सीमारखा पर चुनौती देते हुए खड़े है। ऐसे हालातों में, सौदी ने यदि सिरिया में सेना भेजी, तो सौदी को एक ही समय दो मोरचों पर लड़ना पड़ेगा। उसीमें, सिरियास्थित संघर्ष में अस्साद सरकार के समर्थन में ईरान की सेना, वैसे ही ईरानसमर्थक हिजबुल्लाह यह आतंकवादी संगठन भी उतरा है। इसलिए सिरिया में, सौदी तथा ईरान में प्रत्यक्ष संघर्ष भड़कने की संभावना बढ़ गयी है।

 

 

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