चीन के साथ सीमा विवाद के दौरान, मित्रदेशों द्वारा भारत को हथियारों की आपूर्ति

नई दिल्ली – भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाएँ एक-दूसरें के सामने खड़ीं हुईं हैं कि तभी सहयोगी देशों ने भारत को ज़रूरी रक्षा सामग्री की आपूर्ति करने की तैयारी दिखाई है। इनमें से अमरीका, रशिया, फ्रान्स और इस्रायल इन देशों से भारत को प्राप्त हो रहीं यह सहायता चीन की असुरक्षितता अधिक ही बढ़ा रही है।

India-Chinaफ्रान्स के साथ किये गए रफायल लड़ाकू विमानों के समझौते के अनुसार, अगले महीने के अन्त तक चार रफायल विमान भारत में दाखिल होने थे। हवा से हवा में हमला करनेवाले, लंबी दूरी के प्रगत मिसाईलों से लैस चार रफायल विमान भारत के अंबाला हवाई अड्डे पर पहुँचने थे। लेकिन, कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच बनें तनाव को देखकर, फ्रान्स ने भारत को अधिक संख्या में युद्ध के लिए तैयार रफायल विमानों की आपूर्ति करने का वादा किया है। इसके अनुसार, फ्रान्स भारत को और चार लड़ाकू विमान प्रदान करेगा, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

इस्रायल ने भी भारत को हवाई सुरक्षा यंत्रणा की आपूर्ति करने के संकेत दिए हैं। इस्रायली सेना में कार्यरत हवाई सुरक्षा यंत्रणा ठेंठ लद्दाख में उतारी जाएगी, यह दावा किया जा रहा है। अधिकृत स्तर पर हालाँकि इसके बारे में किसी भी प्रकार का ऐलान नहीं हुआ है, फिर भी इस्रायल भारत को सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार होने के दावे किए जा रहे हैं। दोनों देशों के रक्षा संबंधित हितसंबंध एकसमान होने से, इस्रायल भारत को ज़रूरी रक्षा सामान प्रदान करने के लिए उत्सुक होने की बात विश्‍लेषक कह रहे हैं। कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने तो, चीन के विरोध में इस्रायल ने भारत को इससे पहले ही सहायता प्रदान शुरू किया है, यह दावा किया है।

वहीं, पारंपरिक सहयोगी मित्रदेश होनेवाले रशिया ने, भारत को अगले कुछ हफ़्तों में अरबों डॉलर्स के हथियार प्रदान करने की बात मान्य की है। इनमें मिसाईल और अन्य हथियारों का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। पिछले हफ़्ते में रक्षामंत्री राजनाथ सिंग की रशिया यात्रा के दौरान इससे संबंधित चर्चा हुई। ऐसें में अमरीका ने, भारतीय सेना को आवश्‍यक सामान के साथ ‘एक्सकॅलिबर’ तोंपगोले सप्लाई करने का ऐलान किया है।

India-Chinaअमरीका, रशिया, फ्रान्स और इस्रायल जैसें ताकतवर देशों से भारत को हो रही हथियार और रक्षा सामान की आपूर्ति, चीन के लिए चिंता का विषय बना है। इस वज़ह से चीन की असुरिक्षतता में और भी बढ़ोतरी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी कारण चीन के सरकारी माध्यम भारत को, पश्‍चिमी देशों के बहकावे में आकर चीन से बैर ना करें, ऐसा धमका रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान और नेपाल का इस्तेमाल करके चीन भारत को परेशान कर सकता है, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी माध्यम दे रहे हैं। स्वयं को जागतिक महासत्ता समझ रहें चीन पर, पाकिस्तान और नेपाल जैसें देशों पर निर्भर रहने की नौबत आ चुकी है, यही बात चीन को महसूस हो रही असुरक्षितता स्पष्ट करने के लिए काफी है।

आंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत के पक्ष में ड़टकर खड़ा है और तभी चीन ने तुर्की को भारतविरोधी मोरचे में शामिल करने की कोशिश की। इसके लिए चीन ने तुर्की को ‘शांघाय को-ऑपरेशन ऑर्गनायझेशन’ की सदस्यता देने का लालच दिखाया था। लेकिन, तुर्की ने भारत के विरोध में भूमिका अपनाने से इन्कार किया है, ऐसीं ख़बरें भी प्राप्त हो रही हैं।

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