‘चीन की घुसपैंठ से चौकन्ने रहें’ : ‘आयटीबीपी’ के जवानों को गृहमंत्री की सूचना

नयी दिल्ली, दि. २१ :  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों के राज्यों की खास बैठक को संबोधित किया| चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों का दौरा करके लौटे गृहमंत्री ने इस क्षेत्र की आवाजाही पर चिंता जताते हुए इसके लिए विशेष प्रावधान करने की घोषणा की| साथ ही, चीन से सटी सीमा पर तैनात किए गए ‘इंडो तिबेटियन बॉर्डर पोलीस’ (आयटीबीपी) के जवानों को, चीन की घुसपैंठ के बारे में चौकन्ना रहने की ज़रूरत है, ऐसा गृहमंत्री ने कहा है|

घुसपैंठपिछले कुछ महीनों से भारत चीन से सटे अपने भूभाग में मूलभूत सुविधाओं के विकास पर ज़ोर दे रहा है| यही नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में रक्षादल की गतिविधियाँ और तेज़ी से होने के लिए सड़कों और रेलमार्गों का जाल खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार बड़ी मशक्कत कर रही है| इसपर हालाँकि चीन ने ऐतराज़ जताया है, लेकिन भारत ने उसकी परवाह किये बिना यहाँ पर परियोजनाएँ शुरू करने के लिए पहल की है, ऐसा सामने आ रहा है| इसी के एक हिस्से के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने, चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों का दौरा करते हुए यहाँ की विकास परियोजनाओं का और सीमावर्ती इलाकों का जायज़ा लिया| इसके बाद राजनाथ सिंग ने ‘आयटीबीपी’ के जवानों को संबोधित किया|

भारत और चीन का सीमाविवाद अभी भी सुलझा नहीं है, दोनों देशों के आपसी सीमा के संदर्भ में गंभीर मतभेद हैं|  यह समस्या सुलझाने के लिए भारत चीन के साथ चर्चा कर रहा है| लेकिन यहाँ पर तैनात ‘आयटीबीपी’ के जवानों को चीन की घुसपैठ से सावधान रहने की ज़रूरत है, ऐसा राजनाथ सिंग ने कहा| इसके बाद चीन से सटे, ईशान्य के राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री ने स्पष्ट रूप से अपना बयान दिया है| इस सीमाभाग में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए घोषित की गयी ९९० करोड़ की निधि बढाकर ११०० करोड रुपये कर दी गयी है, ऐसी घोषणा गृहमंत्री ने की| साथ ही, इस सीमाभाग में २७ नयीं सड़के बनाने की घोषणा करते हुए, सन २०१९-२० तक यह काम पूरा किया जायेगा, ऐसा भरोसा गृहमंत्री ने दिलाया|

इसीके साथ यहाँ के सीमावर्ती इलाकों में ४८ नईं सडकें बनाने की योजना को जल्द ही मंज़ुरी दी जायेगी, ऐसी जानकारी राजनाथ सिंग ने दी| इन परियोजनाओं का समय-समय पर जायज़ा लिया जाये, ऐसी सूचना गृहमंत्री ने चीन से सटे सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों को की| इन मुख्यमंत्रियों को हर छह महीनों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस क्षेत्र में भेजकर यहाँ के कामों की गति पर नज़र रखनी चाहिए, ऐसी उम्मीद इस समय राजनाथ सिंग ने जतायी|

ईशान्य के राज्यों में, ख़ासकर अरुणाचल प्रदेश में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए भारत द्वारा की जा रहीं कोशिशों को चीन ने कड़ा विरोध किया है| चीन ने समय समय पर ऐतराज़ जताकर भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की थी| लेकिन ‘अरुणाचल प्रदेश यह भारत का अविभाज्य भूभाग है’ ऐसा कहते हुए भारत ने चीन के ऐतराज़ को कड़ा प्रत्युत्तर दिया था| इस संदर्भ में चीन की आक्रामकता को भारत की ओर से मिल रहे जवाब से चीन अस्वस्थ है और आनेवाले समय में चीन की ओर से इस मामले में कडी प्रतिक्रिया आ सकती है|

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