भारतीय सीमा में घुसपैंठ यह चीन की विस्तारवादी नीतियों का भाग – अमरीका के विदेशमंत्री की चेतावनी

वॉशिंग्टन   – ‘चीन अभी भी भारतीय सीमा के क़रीब प्रत्यक्ष नियंत्रणरेखा पर बड़ी लष्करी गतिविधियाँ कर रहा है। ये गतिविधियाँ यानी चीन की विस्तारवादी नीतियों का भाग होकर, उसके बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं’, ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने दी। इससे पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, भारत-चीन सीमाविवाद भयंकर स्वरूप धारण कर सकता है, ऐसी चिंता ज़ाहिर की थी। साथ ही, इस विवाद को सुलझाने के लिए ट्रम्प ने मध्यस्थता का प्रस्ताव भी दिया था। लेकिन भारत तथा चीन ने भी, अमरीका की मध्यस्थता की ज़रूरत ना होने का बयान किया था। ऐसा होने के बावजूद, अमरीका के विदेशमंत्री ने, चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण इस देश के साथ भारत का सीमाविवाद शुरू हुआ है, ऐसा कहकर चीन पर दबाव बढ़ाया है।India China Border

व्यापारयुद्ध, कोरोना की महामारी और हाँगकाँग, इन जैसे मुद्दों को लेकर फिलहाल अमरीका और चीन के बीच राजनैतिक संघर्ष चरमसीमा तक पहुँचा है। चीन के नेता ही, अमरीका के साथ नया शीतयुद्ध शुरू होने के बयान कर रहे हैं। अमरीका के साथ चल रहे इस संघर्ष में चीन पर बहुत बड़ा दबाव आने के का और उसमें चीन को पीछे हटना पड़ रहा होने का चित्र सामने आ रहा है। इस वास्तविकता से चिनी जनता का ध्यान अन्यत्र मोड़ने के लिए कम्युनिस्ट हुक़ूमत द्वारा नये नये विवादों की शुरुआत करने की कोशिशें जारी हैं। भारत की सीमा के क़रीब तेज़ हुईं लष्करी गतिविधियाँ और उसके ज़रिये उक़साने के प्रयास, यह इसीका ही भाग है।Mike Pompeo

‘चीन पर निरंकुश सत्ता स्थापित करनेवाली कम्युनिस्ट पार्टी के क़ारनामें यह छोटी बात नहीं है। सालों साल चीन के सत्ताधारियों के कारनामें चालू ही हैं। साऊथ चायना सी में चीन दर्शा रही आक्रमकता यह इसका स्पष्ट उदाहरण साबित होता है। चीन की बढ़तीं एवं आक्रमक लष्करी क्षमताओं के कारण निर्माण हुए ख़तरों का मुक़ाबला करने के लिए अमरीका भारत तथा अन्य देशों के साथ साझेदारी कर रही है’ ऐसा अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने कहा। इस बयान के ज़रिये, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही का ख़ास ज़िक्र करके पॉम्पिओ ने, यह हुक़ूमत यानी चीन की नहीं, यह रेखांकित किया है।

इससे पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने भी, चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण भारत के साथ सीमाविवाद शुरू हुआ होने का दावा किया था। साथ ही, ‘चीन की आक्रमकता के कारण भारत के प्रधानमंत्री मोदी ग़ुस्सा हुए हैं’ ऐसा बयान करके ट्रम्प ने खलबली मचायी थी। उसी समय, भारत और चीन ये दोनों भी लष्करी दृष्टि से समर्थ देश है, इसपर ग़ौर फ़रमाकर, भारत लष्करी दृष्टि से चीन जितना ही समतुल्य होने का दावा उन्होंने किया था। उसीके साथ, अमरीका का भारत को पूर्ण समर्थन है, ऐसा संदेश भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और विदेशमंत्री पॉम्पिओ लगातार दे रहे हैं।

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