बीआरआय के बारे मैं भारत की नीति दुविधा में – चीन के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी

बीजिंग: चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआय) परियोजना के बारे में भारत की नीति दुविधा में है, ऐसी टिप्पणी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने की है। इस संदर्भ में भारतीय माध्यमों से लगातार प्रश्न पूछें जाने की बात कहकर चुनयिंगने यह टिप्पणी की है। इस परियोजना की वजह से भारत की कश्मीर के बारे में भूमिका नहीं बदलेगी ऐसा दावा भी चुनयिंगने किया है।

मंगलवार को रशिया के भारत मे स्थित राजदूत निकोलाय कुदाशेव्ह ने भारत एवं चीन मे बीआरआय की मतभिन्नता चर्चा द्वारा दूर करे, ऐसा आवाहन किया था। इस संदर्भ में प्रश्न पूछे जाने पर चीनने, भारतीय माध्यम लगातार बीआरआय पर प्रश्न करने की बात कहकर उसपर भारत इस नीति को लेकर दुविधा मानसिकता में होने की बात कहकर टिप्पणी की है।

बीआरआयबीआरआय का भाग होने वाले चीन एवं पाकिस्तान ‘इकोनॉमिक कॉरिडोर’ परियोजना पाकिस्तान व्याप्त कश्मीर से जा रही है। पर यह अपना भूभाग होने की बात कहकर भारत में इस प्रकल्प पर आक्षेप लिया था। इसपर खुलासा देते हुए चीनने यह प्रकल्प विवादग्रस्त भू-भाग से जाने की बात कहकर पाकिस्तान को समर्थन दिया था। फिर भी कश्मीर के विषय में हम तटस्थ भूमिका स्वीकार रहे हैं, ऐसा चीन का कहना है। चीनने अपने देश की दोहरी भूमिका फिर एक बार प्रस्तुत की है।

बीआरआय परियोजना इस क्षेत्र को जोड़ने वाला प्रकल्प होकर उसका राजनैतिक विवादों से कोई संबंध न होने की बात चुनयिंग ने कही है। तथा इस परियोजना की वजह से चीन की कश्मीर के बारे में तथाकथित तटस्थ भूमिका नहीं बदलेगी, ऐसा दावा चुनयिंगने किया है। भारत इस परियोजना में शामिल हुआ, तो भारत के कश्मीर के बारे में भूमिका पर परिणाम नहीं होगा, ऐसा स्पष्ट मत चुनयिंग ने व्यक्त किया है। पर असल में इस प्रकल्प में शामिल होने के बाद पाकिस्तान के कब्जे का कश्मीर पर पाकिस्तान का अधिकार भारत को मानना होगा, ऐसा कहा जा रहा है। इसकी वजह से भारत इस प्रकल्प से दूर रहा है। जब तक भारत इस प्रकल्प में शामिल नहीं होता, तब तक यह प्रकल्प सफलतापूर्वक संभव नहीं होगा ऐसा विश्लेषकों का दावा है।

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