अफ़ग़ानिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में सात की मौत ‘आयएस’ ने जिम्मेदारी ली

काबूल: अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबूल में गुप्तचर यंत्रणा की इमारत पर हुए आतंकवादियों के आत्मघाती हमले में सात लोगों की मौत हुई है। पिछले हफ्ते आतंकवादियों ने अफगानी गुप्तचर यंत्रणा के प्रशिक्षण तल पर आतंकवादी हमला किया था। एक ही हफ्ते में अफगानी गुप्तचर यंत्रणा पर हुआ यह दूसरा हमला है। इस हमले के बाद अफगानिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

आयएस

काबूल के ‘शासदारकेन’ इलाके में स्थित अफगानी गुप्तचर इमारत के पास सोमवार की सुबह ८ बजे आतंकवादी ने आत्मघाती विस्फोट किया। कर्मचारी इमारत में दाखिल हो रहे थे, भीड़ के समय किए हुए इस विस्फोट में सात लोगों की मौत हुई है। इस के बाद अफगानी सुरक्षा रक्षकों ने यहाँ के सूत्र हाथों में लिए हैं, साथ ही मीडिया के लिए यहाँ पर प्रवेश पर पाबन्दी लगाई गई है।

अफ़ग़ानिस्तान के ‘आयएस’ ने ‘अमाक’ इस अधिकृत वेबसाइट से सोमवार को किए हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है। पिछले हफ्ते भी इसी आतंकवादी संगठन ने काबूल की उसी इमारत पर हमला किया था। ‘आयएस’ के आतंकवादियों ने गुप्तचर यंत्रणा की इमारत में प्रवेश करने से पहले ही अफगानी सुरक्षा रक्षकों ने आतंकवादी को मौत के घाट उतारा था। इसलिए ‘आयएस’ के इस आतंकवादी हमले की तरफ गंभीरता से देखा जा रहा है।

पिछले कुछ महीनों में ‘आयएस’ ने अफ़ग़ानिस्तान में अपना प्रभाव बढाने की शुरुवात की है। अफ़ग़ानिस्तान के लगभग ६० प्रतिशत भूभाग पर कब्ज़ा करने का दावा तालिबान कर रहा है। इसी दौरान इस देश में ‘आयएस’ के आतंकवादी भी गड़बड़ी मचा रहे हैं। अफगानिस्तान के कुछ प्रान्तों में तालिबान और आयएस के बिच संघर्ष भी भड़का था।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दो महीनों पहले अफगान विषयक नीति घोषित करते समय आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई तीव्र करने की घोषणा की थी। इस के लिए अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमरिका के सैनिकों की वापसी की संभावना दशक के लिए टाल कर, अतिरिक्त सैन्य तैनाती की घोषणा ट्रम्प ने की थी। साथ ही तालिबान और आयएस पर हमले बढाने के लिए ‘सीआयए’ के अधिकार भी बढाए थे। ट्रम्प की अफगान नीति का जोरदार स्वागत हुआ था।

दौरान, इराक, सीरिया के संघर्ष में आयएस की हार होने के बाद इस संगठन के आतंकवादी अफगानिस्तान में दाखिल हो रहे हैं, ऐसा इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया था। साथ ही अफ़ग़ानिस्तान के इस आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में रशिया अमरिका को सहायता देने के लिए तैयार है, ऐसा पुतिन ने कहा था। उस पर अमरिका से अभी तक प्रतिक्रिया नहीं आय है।

कुछ समय पहले अफगानी गुप्तचर यंत्रणा पर हमले करके आयएस अफ़ग़ानिस्तान में अपनी बढ़ी हुई ताकत दिखा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.