अमरिका तालिबान के साथ चर्चा नहीं करेगा – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

वॉशिंग्टन: पिछले दस दिनों में अफगानिस्तान में हुए तीन आतंकवादी हमलों पर अमरिका से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस हमले के बाद तालिबान के साथ चर्चा की संभावना ठुकराई है। निर्दोषों को मारने वाले तालिबानियों को खत्म किए बिना अमरिका शांत नहीं बैठेगा, ऐसा कठोर इशारा ट्रम्प ने दिया है। इस वजह से अफगानिस्तान में अमरीका की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई अधिक तीव्र होने की संभावना दिखाई दे रही है।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए तीन हमलों में करीब १५० से अधिक लोगों की जान गई है। तालिबान और आईएस इन आतंकवादी संगठनों ने किए हुए इन हमलों में अफगानिस्तान के साथ अमरिका के सामने भी चुनौती खड़ी हुई है। कुछ महीनों पहले ट्रम्प ने अपनी अफगानिस्तान के बारे में नई नीति घोषित की थी। इस नीति के अनुसार तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की घोषणा की गई थी। साथ ही तालिबान की मदद करने वाले पाकिस्तान पर भी इस नै नीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, इअसा ट्रम्प ने इशारा दिया था।

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इस घोषणा के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी आतंकवादी कार्रवाइयों को बढाकर अमरिका को प्रत्युत्तर दिया है। अफगानी सुरक्षा दल और जनता पर हमले बढाकर अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन किया था। इस अवधि में अमरिका ने अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या बढाने का निर्णय लिया। साथ ही ‘ए-१० थंडरबोल्ट’ जैसे लड़ाकू विमान भी अमरिका ने तैनात किए हैं। यह प्रक्रिया शुरू थी उस समय तालिबान और आईएस ने दस दिनों में तीन आतंकवादी हमले करके अमरिका को चुनौती दी है, ऐसा दिखाई दे रहा है। इस हमले के बाद तालिबान के साथ किसी भी प्रकार की चर्चा की संभावना नहीं है, ऐसा कहकर ट्रम्प ने तालिबान को खत्म करने का निर्धार किया है।

‘अन्य कोई भी जो कर नहीं सकता, वह तालिबान को खत्म करने का कम अमरिका करेगा’, ऐसा ट्रम्प ने कहा है। अमरिका तालिबान के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है ऐसे संकेत इसके पहले मिले थे। लेकिन निर्दोष नागरिक और बच्चों को मारने वालों के साथ इसके आगे चर्चा नहीं, ऐसा कहकर ट्रम्प ने चर्चा की संभावना को भी पूर्णविराम दे दिया है। इसका यही अर्थ होता है कि इसके आगे अमरिका तालिबान के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएगा, ऐसा होता है ऐसा विश्लेषकों का कहना है। इसका असर पाकिस्तान पर भी होगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। रशिया, पाकिस्तान और चीन मिलकर तालिबान के साथ चर्चा करने की कोशिश में हैं। इसके द्वारा अफगानिस्तान की समस्या सुलझाने की तैयारी भी इन देशों ने की है। लेकिन इन आतंकवादी हमलों के बाद इन कोशिशों की झटका लगा है, ऐसा दिखाई दे रहा है। इसके बाद अमरिका तालिबानियों को रोकने के लिए अधिक जोरदार हमले करने की कड़ी संभावना है। साथ ही तालिबान की मदद करने वाले पाकिस्तान को भी बड़े झटके दे सकता है, ऐसे संकेत ट्रम्प के विधानों से मिल रहे हैं।

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