अमरिका-अफगानिस्तान की कार्रवाई में ‘आयएस’ के ३१ आतंकवादी ढेर

आईएस, ३१ आतंकवादी ढेर, स्पेशल फोर्सेस, अमरिका, अफगानिस्तान, मार गिराया, काबुल, तुर्कमेनिस्तानकाबुल: अमरिका और अफगानिस्तान के ‘स्पेशल फोर्सेस’ ने ‘जोझान’ प्रान्त में की कार्रवाई में ‘आयएस’ के ३१ आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें अफगानिस्तान में बाहर से आए तीन आतंकवादियों के साथ ‘आयएस’ के तीन बड़े नेताओं का समावेश होने की जानकारी अफगानी यंत्रणाओं ने दी है। इस वजह से पिछले १०० दिनों में अमरिका ने अफगानिस्तान में की कार्रवाई में मारे गए ‘आयएस’ के आतंकवादियों की संख्या ९० तक पहुंची है।

पिछले कुछ महीनों से अमरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई तीव्र की है और आयएस के प्रभाववाले जिलों को लक्ष्य बनाया जा रहा है। इस कार्रवाई में अमरिका के ‘स्पेशल फोर्सेस’ के जवान भी शामिल हुए हैं और हवाई हमले का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले हफ्ते अमरिका ने अफगानिस्तान के लष्कर के साथ जोझान प्रान्त के ‘दरझाब’ जिले में हमले किए।

आईएस, ३१ आतंकवादी ढेर, स्पेशल फोर्सेस, अमरिका, अफगानिस्तान, मार गिराया, काबुल, तुर्कमेनिस्तानइसमें से ५ अप्रैल को किए हमले में ‘आयएस’ का स्थानीय कमांडर ‘कारी हेकमतुल्लाह’ और उसका साथीदार मारा गया। ११ अप्रैल को अमरिका ने फिरसे इसी इलाके के ‘आयएस’ के प्रमुख अड्डे पर हमले किए। लगभग ४८ घंटों तक अमरिका और अफगान लष्कर ने की कार्रवाई में ‘आयएस’ के ३१ आतंकवादी मारे गए हैं। इसमें मोहम्मद युसूफ नाम के और एक कमांडर का समावेश था।

अफगानिस्तान के उत्तर में स्थित जोझान प्रान्त यह तुर्कमेनिस्तान की सीमा के पास है। पिछले दो हफ़्तों में अमरिकी लष्कर ने ‘दरझाब’ जिले में की कार्रवाई के साथ साथ इस इलाके में ‘आयएस’ का प्रभाव भी कम होने का दावा अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने किया है। तुर्कमेनिस्तान की सीमा के पास ‘आयएस’ आतंकवादियों का बड़ा अड्डा है और यह आतंकवादी रशिया और सेव्हिएत रशियन देशों की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं, ऐसा दावा रशिया ने किया था।

लेकिन अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने रशिया के इस दावे को ख़ारिज किया है। तुर्कमेनिस्तान अथवा सेव्हिएत रशिया के सीमा इलाके में ‘आयएस’ आतंकवादियों का ज्यादा प्रभाव नहीं है। सिर्फ पाकिस्तानी सीमा के पास वाले प्रान्त में, अफगानिस्तान के पूर्वी इलाके में ‘आयएस’ के लगभग २००० आतंकवादी सक्रिय हैं, ऐसा अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है। इस वजह से पाकिस्तान की सीमा के पास डेरा डाले हुए ‘आयएस’ के आतंकवादी अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए सिरदर्द बन सकते हैं, ऐसी संभावना अफगानी रक्षा मंत्रालय ने व्यक्त की है।

दौरान, अफगानिस्तान की सुरक्षा को महत्व देकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष अतिरिक्त सेना की तैनाती की घोषणा की थी। साथ ही इस आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘सीआयएस’ को अतिरिक्त अधिकार भी दिए थे। पिछले साल भर में अफगानिस्तान में हवाई हमलों की तीव्रता बढ़ गई है और इस दबाव की वजह से तालिबान के कुछ गुट अफगान सरकार के साथ बातचीत के लिए भी तैयार हुए हैं।

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